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चौतरफा घिरा नागौर, अब समझदारी ही सुरक्षा

locationनागौरPublished: Apr 02, 2020 11:53:14 pm

Submitted by:

Rudresh Sharma

नागौर (Nagaur) जिले की सीमा से सटे सात में से छह जिलों में निकले कोरोना (Corona) के पॉजीटिव रोगी, बीकानेर में बनाया चूरू के रोगियों के लिए क्वारंटाइन (Quarantine) सेंटर

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नागौर. शहर की बस्तियों में जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते युवा।

नागौर. कोरोना यानि कोविड -19 (Covid-19) वायरस की इस वैश्विक महामारी की भयावहता समूचे राजस्थान को अपने आगोश में लेती जा रही है। अब तक प्रदेश की राजधानी जयपुर समेत 12 जिलों में इस महामारी के पॉजीटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें नागौर जिले की सीमा को छूने वाले सात जिलों में सिर्फ बीकानेर ही बचा है, जहां अब तक कोई पॉजीटिव केस नहीं मिला है। हालांकि यहां चूरू जिले में मिले पॉजीटिव रोगियों को आईसोलेट किया गया है। इस तरह नागौर के चारों ओर स्थित जिलों में कोरोना संक्रमित रोगियों की मौजूदगी है। ऐसे में जिले के लोगों के लिए खुद को सुरक्षित रखने की चुनौती बढ़ गई है। अब जरा सी भी लापरवाही हम पर भारी पड़ सकती है। प्रदेश में गुुरुवार सुबह तक कुल 111 पॉजीटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें जो जिले नागौर की सीमा को छू रहे हैं, उनमें राजधानी जयपुर में सर्वाधिक 41, चूरू में 8, जोधपुर में 9, अजमेर में पांच तथा सीकर व पाली में एक-एक संक्रमित रोगी पाए जा चुके हैं। हालांकि नागौर जिले में प्रशासन बाहर से आए लोगों की निगरानी को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन इसके बावजूद आमजन को सर्वाधिक सजगता की आवश्यकता है। जिले में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के कनेक्शन है। कई ऐसे स्थानों से भी आए हुए हैं, जहां संक्रमित लोगों की संख्या बहुत है। बाहरी लोगों के आवागमन को लेकर सूचनाएं और शिकायतें भी प्रशासन तक पहुंच रही हैं। ऐसे में फील्ड में कार्य कर रहे कार्मिकों ने संदिग्ध होने की राडार में आ रहे लोगों की जांच और उनके क्वारंटाइन में कोई भी कसर छोड़ी तो यह लापरवाही घातक साबित हो सकती है। नागौर में जिला प्रशासन अब तक एक लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करवा चुका है। 20 संदिग्ध रोगियों के सेम्पल भी जांच के लिए भिजवाए जा चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। दो पॉजीटिव भी मिल चुकेनागौर जिले के मकराना निवासी दम्पती भी पॉजीटिव मिल चुका है। हालांकि स्पेन प्रवासी यह दम्पती नागौर पहुंचने से पहले जयपुर में ही स्क्रीनिंग में पता लगने से हमारे जिले तक नहीं पहुंचा और उनका जयपुर में ही उपचार कराया गया है। इसलिए नागौर प्रशासन के अनुसार जिले में अभी तक कोई पॉजीटिव केस नहीं है।कैसे होती है स्क्रीनिंग1 – सबसे पहले तो हवाई हड्डों, रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर बाहर से आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। यानि बुखार मापने के यंत्र से बुखार जांचा जाता है।2 – यदि थर्मल स्क्रीनिंग में कोई संदिग्ध लगता है तो उसकी ट्रेवल हिस्ट्री पता की जाती है।3 – ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार यदि वह किसी ऐसे देश या प्रदेश से आया है, जहां संक्रमण फैल रहा है तो रोगी को सर्वप्रथम आइसोलेट किया जाता है। किसी को इस रोग के और भी लक्षण पाए जाते हैं तो उसके गले और नाक के स्वाब को जांच के लिए भिजवाया जाता है।घर में रहें, सुरक्षित रहेंजिले के आमजन से मेरी यही अपील है कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा जो भी दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं, उनकी पालना करें। मैं एक फेक्ट बताना चाहुंगा कि इटली में पिछले एक माह में 1600 सौ से एक लाख कोरोना केस पहुंच गए हैं और भारत में एक अप्रेल को करीब 1965 केस हैं। हम और आप नहीं चाहते कि अगली एक मई को यह संख्या एक लाख क्रॉस करे। यह तभी संभव होगा, जब सब लोग संयम से काम लें, अपने घरों में रहें, सोशियल डिस्टेंसिंग रखें। यदि ऐसा नहीं किया तो एक बहुत बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। – दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर

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