नगर परिषद ने मेला मैदान से हटाया अतिक्रमण
रजिस्ट्री के आधार पर हो गया काबिज
शिकायत में पीडि़त का कहना है कि उसने फरवरी 1994 में एक भूखंड खरीदा। इसका पट्टा नगर परिषद की ओर से जारी किया गया। नगर परिषद के तत्कालीन ईओ व कार्मिकों ने दो पट्टों की रजिस्ट्री के लिए एक ही दिन में एक समान डिस्पेच क्रमांक से दस्तावेज जारी कर दिए जिसके आधार पर कुछ दिनों से अंतराल से दो रजिस्ट्री करवाई गई। पीडि़त का कहना है कि उसके भाई पवन कुमाार पुत्र बालचंद भट्ट ने फर्जीवाड़े से 15 नवम्बर 1999 को शशिबाला के नाम जारी भूखंड की रजिस्ट्री करवा ली। इसके बाद इसी भूखंड की रजिस्ट्री 24 दिसम्बर 1999 को शशिबाला के नाम से करवा दी। रजिस्ट्री के आधार पर वह शशिबाला के मकान पर काबिज हो गया।
नगर परिषद आज सीज करेगी अवैध भवन
एक ही भूखंड दो को रजिस्ट्री कैसे
दस्तावेजों में हेराफेरी कर भूखंड की रजिस्ट्री करवाने की जानकारी मिलने पर भूखंड धारक के पति महेश कुमार भट्ट ने इस संबंध में कोतवाली में एक रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। कोतवाली ने 8 जून 2018 को पत्र भेजकर उप पंजीयक से नगर पालिका मंडल की पत्रावली संख्या 585/84-85 में मूल मालिक की जानकारी चाही थी। जवाब में उप पंजीयक कार्यालय ने बताया कि 585/84-85 में पवन कुमार के पक्ष में आवासीय योजना हनुमान बाग कॉलोनी, नागौर ब्लॉक संख्या 6 भूखंड संख्या 57 लिखा है तथा लीज के साथ संलग्र नक्शे में प्लॉट नम्बर 56 व ब्लॉक नम्बर 6 अंकित है। नगरपालिका की ओर से जारी 99 वर्षीय लीज डीड में पत्रावली संख्या 621/84-85 में शशिबाला पत्नी महेश कुमार निवासी हनुमान बाग कॉलोनी ब्लॉक नम्बर 6 व भूखंड संख्या 57 दर्ज है।
नक्शे में अलग भूखंड तो कैसे हुई रजिस्ट्री
नियमानुसार भूखंड की रजिस्ट्री करवाते समय आवश्यक दस्तावेजों के साथ नगर परिषद की ओर से जारी पट्टा व भूखंड के नक्शे की प्रति भी देनी होती है। इस मामले में पंजीयन के लिए आवेदन किया गया उस समय पत्रावली के साथ नगर पालिका के दस्तावेज में 6/57 लिखा था जबकि नक्शे में भूखंड संख्या 6/56 दशाई गई थी, ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत तत्कालीन कर्मचारियों व अधिकारियों ने पट्टे से जुड़ा नक्शा नहीं होने के बावजूद पंजीयन की प्रक्रिया पूरी कैसे कर दी। इस संबंध में शिकायत होने पर नगर परिषद आयुक्त जोधाराम विश्नोई ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पवन कुमार को नोटिस जारी कर पट्टा पेश करने के लिए कहा, लेकिन उसने नोटिस लेने से ही इनकार कर दिया।
दर्ज करवाएंगे एफआईआर
नगर परिषद की ओर से जारी पट्टा में किसी भी प्रकार की फेरबदल कर कूट रचित दस्तावेजों से पंजीयन करवाया गया है तो संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाएंगे।
जोधाराम विश्नोई, आयुक्त नगर परिषद नागौर