scriptआधार नामांकन केन्द्रों को एक्टीवेट करने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का खेल | Corruption in the process of activating Aadhaar Enrollment Centers | Patrika News

आधार नामांकन केन्द्रों को एक्टीवेट करने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का खेल

locationनागौरPublished: Jul 24, 2020 10:01:34 am

Submitted by:

shyam choudhary

प्रदेशभर में जिला स्तर के अधिकारियों को बनाया लाचार, सीधे जयपुर ऑफिस में मिलने वाले संचालकों के केन्द्र हो रहे एक्टीवेट, जिला मुख्यालय से भेजे गए आवेदन दो-दो सालों से रद्दी की टोकरी में पड़े

Aadhaar enrollment

Aadhaar enrollment

नागौर. प्रदेश में आधार नामांकन केन्द्रों को एक्टीवेट व डी-एक्टीवेट करने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तर से विभागीय अनुमति के बिना सीधे ही आरआईएसएल जयपुर से आधार नामांकन मशीन एक्टिवेट करवाई जा रही है, जबकि जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों द्वारा अनुशंषा करके भिजवाए गए सैकड़ों आवेदन वर्षों से रद्दी की टोकरी में धूल फांक रहे हैं।
गौरतलब है कि नए आधार नामांकन केन्द्र के एक्टिवेशन के लिए विभागीय पॉलिसी का पालन करना होता है, लेकिन पिछले काफी समय से इसकी पूर्णत: अवहेलना हो रही है, जिसमें पारदर्शिता का पूर्णत: अभाव है। इस प्रकार बिना विभागीय जानकारी के एक्टिव हुई मशीनों द्वारा विभागीय नियमों की अवहेलना करते हुए नामांकन कार्य किया जा रहा है, जिससे आम जनता आधार नामांकन के नाम पर ठगी का शिकार हो रही है।
नागौर के डेढ़ दर्जन आवेदन आज भी लम्बित
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागौर जिले से नए आधार नामांकन केन्द्रों के लिए जयपुर भेजे गए डेढ़ दर्जन से अधिक ऑनलाइन आवेदन आज भी लम्बित हैं, जिनमें कई आवदेन एक साल से भी ज्यादा समय से लम्बित हैं, जबकि जिले में करीब दो दर्जन आधार केन्द्र ऐसे हैं, जो बिना विभागीय अनुमति के एक्टीवेट हुए हैं। खास बात यह है कि सभी पिछले एक साल में एक्टीवेट हुए हैं। यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों की है। पत्रिका संवाददाता ने प्रदेश के लगभग एक दर्जन से अधिक जिलों के संयुक्त निदेशकों से बात की, जिसमें यह सामने आया कि उनके द्वारा भेजे गए आवेदन एक्टीवेट नहीं हुए हैं, जबकि सीधे एक्टीवेट किए जा रहे हैं।
कलक्टर लिख चुके डीओ लेटर
जयपुर मुख्यालय स्तर पर आधार नामांकन केन्द्रों के एक्टिवेशन में की जा रही नियमों की अवहेलना को लेकर नागौर के तत्कालीन कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने 19 नवम्बर 2019 को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग जयपुर के प्रमुख शासन सचिव को डीओ लेटर भी लिखा था। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है। यादव ने लिखा कि कुछ कियोस्क जिला स्तर की अनुशंषा/जानकारी के बिना ही अपना आधार नामांकन केन्द्र एक्टिव करवा लेते हैं। नए आधार नामांकन केन्द्र के एक्टिवेशन के लिए पॉलिसी का पालन होना होता है, जिसकी वर्तमान में पूर्णत: अवहेलना हो रही है तथा किसी भी तरह की पारदर्शिता का पूर्णत: अभाव है। कलक्टर ने बताया कि गत दो वर्षों में जिले से जो आवेदन आधार नामांकन केन्द्र के लिए राज्य स्तर पर भेजे गए है, उनमें से 49 आवेदनों के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। इनमें से कुछ आवेदन तो 2 वर्ष से भी ज्यादा पुराने हैं।
प्रदेश में 7 हजार से अधिक ऑपरेटर ब्लैक लिस्ट
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कई लोग आधार केन्द्र एक्टीवेट तो करवा लेते हैं, लेकिन काम शुरू नहीं करते। वहीं कई ऐसे भी हैं जो लोगों से अधिक पैसे वसूलते हैं, जिसकी शिकायत होने पर या निरीक्षण में बदमाशी पकड़ी जाती है तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाता है। प्रदेश में 7 हजार से अधिक ऑपरेटर ब्लैक लिस्ट किए हुए हैं।
हमारे पास कोई लम्बित आवेदन नहीं
मैंने महीने भर पहले ही यह पद संभाला है, उससे पहले किस अधिकारी ने क्या किया, उसकी जिम्मेदारी मैं नहीं ले सकता। अब तक जितने भी आवेदन आए थे, उनमें से 248 को हमने कल ही दिल्ली भेज दिया है। अब कोई भी आवेदन लम्बित नहीं है। जब से ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था हुई है, तब से कोई भी आवेदन सीधा नहीं आता। प्रदेश में हमने 650 मशीनें चला रखी हैं और 900 ऑपरेटन हमने बना दिए हैं।
– सीताराम स्वरूप, प्रभारी यूआईडी, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, जयपुर
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