scriptनगर परिषद सभापति सोलंकी के निलंबन की कार्यवाही पर रोक | Court Stay in proceedings of suspension of Sabhapati KripaRam Solanki | Patrika News

नगर परिषद सभापति सोलंकी के निलंबन की कार्यवाही पर रोक

locationनागौरPublished: Sep 12, 2018 09:25:45 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

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-स्थानीय निकाय विभाग ने सोलंकी को दी थी चार्जशीट
-विभाग ने गत दिनों जारी किया था कारण बताओ नोटिस
नागौर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर नगर परिषद सभापति कृपाराम सोलंकी के खिलाफ स्थानीय निकाय विभाग की ओर से गत 28 अगस्त को जारी चार्जशीट व नोटिस मामले में चार सप्ताह में जवाब तलब करते हुए सरकार की ओर से शुरू की गई सोलंकी के निलंबन की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। याचिकाकर्ता सोलंकी की ओर से दायर याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए जस्टिस संदीप मेहता ने यह आदेश दिए।


कार्रवाई पर अंतरिम रोक
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि 28 अगस्त 2018 को चार्जशीट व नोटिस जारी किया लेकिन उससे पूर्व सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। इसलिए स्थानीय निकाय विभाग (डीएलबी) की ओर से की गई कार्यवाही अवैध है। इस पर जस्टिस मेहता ने डीएलबी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में किया जवाब तलब करते हुए तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी।


द्वेषतापूर्वक की कार्रवाई
इस संबंध में नगर परिषद सभापति कृपाराम सोलंकी ने बताया कि राज्य सरकार नागौर में कांग्रेस का बोर्ड होने के कारण राजनीतिक द्वेषता व कुछ नेताओं के दबाव में द्वेषतापूर्वक कार्रवाई कर रही है। सफाई कर्मचारियों के सफाई भर्ती के विरोध में हड़ताल पर जाने के कारण शहर में सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। बोर्ड ने सचिव की मौजूदगी में भर्ती प्रक्रिया के संबंध में कर्मचारियों की मांग संबंधी प्रस्ताव लिया गया था, जिसे राज्य सरकार को भिजवाना तत्कालीन सचिव की जिम्मेदारी थी, लेकिन सचिव ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। बोर्ड का प्रस्ताव सरकार को नहीं भिजवाने से खफा सफाई कर्मचारियों के शहर में ईद के मौके पर टूल डाउन हड़ताल पर जाने के कारण उन्होंने एकल हस्ताक्षर कर प्रस्ताव की कॉपी भिजवाई। बोर्ड बैठक की रिकॉर्डिंग समेत सभी तथ्य डीएलबी भिजवाए लेकिन निदेशक ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय मेरे खिलाफ ही नोटिस जारी कर दिया। इस संबंध में विभाग ने उनसे किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की और ना ही सुनवाई का अवसर दिया। सरकार एक मंत्री व भू माफियाओं के दबाव में आकर मेरे खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मजबूरन मुझे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

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