सूत्रों के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों पर छह माह के बच्चे से लेकर छह साल तक के बच्चों, किशोरी बालिकाओं एवं धात्री-गर्भवती महिलाओं को हर महीने दिया जाने वाला पांच माह का पोषाहार बांटने वालों ने आपस में बांट लिया। यानी पोषाहार का गेहूं, चावल व दाल पात्रों के घर तक पहुंचने की बजाए बीच में ही गायब हो गया और कागजों में वितरण बता दिया। पोषाहार वितरण में अनियमितता की जानकारी मिलने पर पत्रिका संवाददाता ने नागौर शहर की महाराणा प्रताप कॉलोनी, कुम्हारी दरवाजा, किदवई कॉलोनी, मेजर करीम नगर, सांसी बस्ती, नायक बस्ती सहित अन्य बस्तियों में पात्र महिलाओं एवं बच्चों के अभिभावकों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जुलाई के बाद केवल एक बार पोषाहार दिया है।
जानिए, किसको क्या मिलता है - 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को सवा किलो गेहूं, सवा किलो चावल तथा 2 किलो चना दाल दी जा रही है। - किशोरी बालिकाओं व गर्भवती-धात्री महिलाओं को डेढ़-डेढ़ किलो गेहूं-चावल तथा 3 किलो चना दाल दी जा रही है।
- 6 माह से 6 वर्ष तक के अति कुपोषित बच्चों को 2 किलो गेहूं, डेढ़ किलो चावल तथा 3 किलो चना दाल दी जा रही है। बड़ा सवाल - जिम्मेदार लापरवाह या बताना नहीं चाहते?
खाद्य निगम के प्रबंधक का कहना है कि उन्होंने सितम्बर तक का पूरा पोषाहार सप्लाई कर दिया है, जबकि अक्टूबर से दिसम्बर तक का गेहूं-चावल 98.52 प्रतिशत तथा 53 प्रतिशत चने की दाल का वितरण कर दिया है। इधर, सीडीपीओ का कहना है कि उन्हें इस बात की अभी तक जानकारी नहीं है। वे अब सेंटर से इसकी जानकारी जुटा रहे हैं।
तीन महीने में 30 हजार क्विंटल पोषाहार खाद्य निगम के अनुसार जिले में हर तीन महीने में पोषाहार सप्लाई होता है। अक्टूबर से दिसम्बर की तिमाही में 29,440 क्विंटल पोषाहार मिला है, इसमें गेहूं 7808 क्विंटल, चावल 7801 क्विंटल एवं चना दाल 13,831 क्विंटल है। पांच महीने में 40 हजार क्विंटल से अधिक पोषाहार का घोटाला हुआ है।
कार्रवाई से नहीं लिया सबक नागौर में साढ़े तीन साल पहले डेगाना में एसीबी ने प्रदेश का सबसे बड़ा पोषाहार घोटाला उजागर किया था। जिसमें एसीबी ने ठेकेदार सहित जिले की मुख्य अधिकारी को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने जांच के बाद पोषाहार में करोड़ों रुपए का घोटाला उजागर किया और हजार पन्नों का चालान पेश किया था। कार्रवाई को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, इसके बावजूद जिम्मेदार वापस उसी राह चल रहे हैं।
सात महीने में एक बार दिया मेरा आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्भवती होने के बाद पंजीकरण किया गया, लेकिन पिछले सात महीने में केवल एक बार पोषाहार के रूप में दो-दो किलो दाल, चावल व गेहूं दिए।
- नीमा, धात्री महिला, कुम्हारी दरवाजा, नागौर एक बार भी नहीं दिया पोषाहार गर्भवती होने के बाद मेरा आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 3 में पंजीकरण किया गया, लेकिन एक बार फिर पोषाहार नहीं मिला।
- पूजा, धात्री महिला, नायक बस्ती, नागौर दिसम्बर तक का पोषाहार दे दिया शहर के 4 नम्बर वार्ड की आंगनबाड़ी ‘बी’ में 12 महिलाओं व 40 बच्चों को दिसम्बर माह तक का पोषाहार वितरित कर दिया है।
- संतोष चौधरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, वार्ड 4 अभी जानकारी एकत्र कर रहे हैं नागौर ब्लॉक में जुलाई के बाद कहां कितनी सप्लाई हुई है, इसलिए जानकारी अभी हमारे पास नहीं है। आंगनबाड़ी सेंटर से जानकारी जुटा रहे हैं, तैयार होने में दो-तीन दिन लगेंगे।
- दुर्गासिंह उदावत, सीडीपीओ, नागौर हम तो पोस्ट ऑफिस की तरह हैं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहर की सप्लाई राजस्थान राज्य खाद्य निगम कर रहा है। पोषाहार की जानकारी सीडीपीओ ही बता पाएंगे, हम तो पोस्ट ऑफिस की तरह है, बीच की कड़ी। सूचना लेकर आगे देते हैं।
- सिकरामाराम, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, नागौर। गेहूं-चावल की सप्लाई कर चुके अक्टूबर से दिसम्बर तक की गेहूं व चावल की सप्लाई लगभग पूरी हो चुकी है, जबकि दाल की सप्लाई चल रही है। दाल अभी पूरी मिली नहीं है। सितम्बर तक की सप्लाई पहले ही पूरी कर चुके हैं।
- सुनील शर्मा, मैनेजर, राजस्थान राज्य खाद्य निगम, नागौर