कुशल बिदावत, ऑटो चालक
ऑटो चालक बेहद मुश्किल हालात में भी सवारियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने का काम करता है। इनको भी श्रमिक मानकर श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिए। कई जगहों पर कार्रवाई के नाम पर केवल परेशान किया जाता है। यही नहीं, कई जगहों पर खुले सीवरेज के चेंबर के कारण दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। इस पर भी ध्यान देना होगा।
सोहनलाल बिश्नोई, ऑटो चालक
सार्वजनिक स्थानों एवं प्रमुख बाजारों में अतिक्रमण के कारण वाहनों का चालन करना ही मुश्किल रहता है। इसके बाद भी प्रशासन न तो अतिक्रमण हटाता है, और अच्छी सडक़ें बनवाता है। कागजातों के अभाव मे चालान कर देते हैं तो फिर इन असुविधाओं के अभाव में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।
रमेश भार्गव, ऑटो चालक
इनका कहना है…
ऑटो चालकों एवं यात्री हित में यूनियन की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। ऑटो चालकों को ड्रेस कोड में पाबंद करने के साथ ही सडक़ को सुव्यवस्थित कराने के लिए न केवल ज्ञापन आदि गए, बल्कि आरओबी निर्माण के संदर्भ में भी याचिका दायर की गई।
रूपसिंह पंवार, अध्यक्ष, ऑटोरिक्शा यूनियन नागौर