scriptVIDEO…शहर की बेहाल सडक़ों पर दौड़ते ऑटो वाहनों पर खतरों का सफर | Dangerous journey on auto vehicles running on the rough roads of the c | Patrika News

VIDEO…शहर की बेहाल सडक़ों पर दौड़ते ऑटो वाहनों पर खतरों का सफर

locationनागौरPublished: Jul 07, 2022 06:56:20 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. जर्जर- गड्ढायुक्त सडक़ों पर सवारियों के साथ दौड़ते ऑटो वाहन-शहर में प्रमुख बाजारों में अतिक्रमण एवं गड्ढों पर दौड़ते ऑटो वाहनों के सामने कई बार सामने आ जाते हैं लावारिश पशु-ऑटो चालकों ने कहा सुविधाएं तो मिलती नहीं, कार्रवाई जरूर कर दी जाती है

Dangerous journey on auto vehicles running on the rough roads of the city

नागौर. शहर की जर्जर व बेकार चुकी गड्ढायुक्त सडक़ों पर ऑटो वाहनों का सवारियों सहित सफर करना मुश्किल होने लगा है। पुराना अस्पताल से गांधी चौक एवं मानासर चौराहा से मूण्डवा तथा यहां से बस स्टैंड तक सफर करने के दौरान खराब सडक़ों पर ऑटो वाहनों का न केवल डीजल व्यय ज्यादा होता है, बल्कि सवारियों को भी मुश्किलें होती है। इस संबंध में ऑटो चालकों से बातचीत हुई तो कहा कि खराब सडक़ों के साथ ही बाजारों में कई जगहों पर हुए अतिक्रमण के कारण उनका ऑटो चलाना ही मुश्किल हो गया है। न तो पार्किंग के लिए जगह मिलती है, और न ही कोई प्रशासनिक सहूलियत…! कभी फिटनेस या आवश्यक दस्तावेजों के नाम पर चालान का डंडा अलग से पड़ता रहता है। हमारे ऊपर तो कार्रवाई कर दी जाती है तो फिर इन असुविधाओं के अभाव में संबंधित विभागों के खिलाफ भी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।
शहर में ऑटो चालकों का सडक़ों पर सवारियों के साथ अलसुबह से ही सफर शुरू हो जाता है। पुराना अस्पताल से जेएलएन, गोगेलाव, कलक्ट्रेट से गांधी चौक, दिल्ली दरवाजा से केन्द्रीय बस स्टैंड तक का सफर यात्रियों के साथ पूरे दिन चलता रहता है। इस दौरान रास्तों में तमाम मुश्किलें पेश आती हैं। इन सभी रास्तों पर सफर के दौरान ज्यादातर जगहों पर सडक़ों की हालत बेहद खराब रहती है। इस संबंध में ऑटोरिक्सा यूनियन की ओर से कई बार प्रशासनिक स्तर पर ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन समस्या नहीं सुलझी।
इन समस्याओं का होना चाहिए समाधान
ऑटो चालकों में रमेश आचार्य, ललित आचार्य, तिलोकचन्द, सुरेश सांखला आदि से बातचीत हुई तो बताया कि कलक्ट्रेट से गांधी चौक जाने के दौरान रास्तों में कई जगहों पर गड्ढे हैं। गड्ढों के साथ ही सडक़ के दोनों ओर अस्थाई अतिक्रमण के चलते ऑटो का चलाना ही मुश्किल हो जाता है। विशेषकर गांधी चौक पहुंचने पर यहां ऑटो वाहन पार्किंग की जगह दूसरे वाहन खड़े रहते हैं। हमारे लिए कोई जगह ही नहीं है। यही नहीं, इस चौराहे के चारों ओर फुटपाथ के साथ ही सडक़ के काफी हिस्से पर अस्थाई अतिक्रमण रहता है। इस दौरान ऑटो कहां खड़े करें। यहां पर ज्यादा देर वाहन खड़ा नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर चालान हो जाता है। यही नहीं, बल्कि कई जगहों पर खुले चेंबर एवं सडक़ों पर भटकते लावारिश पशुओं की वजह से हादसे हो जाते हैं। इसका समाधान भी होना चाहिए। इन समस्याओं का समाधान होने पर न केवल को भी चलाने में सुविधा होगी, बल्कि यात्री भी सहजता से सफर कर सकेंगे।


शहर की सडक़ों को बेहतर बनाने पर काम होना चाहिए। कई जगहों पर अतिक्रमण के कारण ऑटो वाहनों का चलाना ही मुश्किल हो जाता है। सार्वजनिक स्थानों एवं बाजारों में इनके लिए निर्धारित जगह होनी चाहिए। रास्तें में कई जगहों पर लावारिश पशु ही सामने अचानक आ जाते हैं। नागौर में इतनी गोशालाएं होने के बाद भी यह भटकते गोवंश हादसे का सबब बनते रहते हैं।
कुशल बिदावत, ऑटो चालक
ऑटो चालक बेहद मुश्किल हालात में भी सवारियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने का काम करता है। इनको भी श्रमिक मानकर श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिए। कई जगहों पर कार्रवाई के नाम पर केवल परेशान किया जाता है। यही नहीं, कई जगहों पर खुले सीवरेज के चेंबर के कारण दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। इस पर भी ध्यान देना होगा।
सोहनलाल बिश्नोई, ऑटो चालक
सार्वजनिक स्थानों एवं प्रमुख बाजारों में अतिक्रमण के कारण वाहनों का चालन करना ही मुश्किल रहता है। इसके बाद भी प्रशासन न तो अतिक्रमण हटाता है, और अच्छी सडक़ें बनवाता है। कागजातों के अभाव मे चालान कर देते हैं तो फिर इन असुविधाओं के अभाव में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।
रमेश भार्गव, ऑटो चालक
इनका कहना है…
ऑटो चालकों एवं यात्री हित में यूनियन की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। ऑटो चालकों को ड्रेस कोड में पाबंद करने के साथ ही सडक़ को सुव्यवस्थित कराने के लिए न केवल ज्ञापन आदि गए, बल्कि आरओबी निर्माण के संदर्भ में भी याचिका दायर की गई।
रूपसिंह पंवार, अध्यक्ष, ऑटोरिक्शा यूनियन नागौर
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