अक्टूबर २०१५ में हुई थी शादी पुलिस के अनुसार मृतका सबीना की शादी २०१५ में आसिफ के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद से ही उसे रुपयों की मांग को लेकर ससुराल पक्ष द्वारा परेशान किया जाना लगा। कुछ सालों तक यह सिलसिला चला फिर आसिफ एवं उसके माता-पिता मारपीट किए जाने पर कई बार पीहर पक्ष के लोगों ने समझाइश कर मामला सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन दहेज लोभी माने नहीं। २०२१ में पिता अपनी पुत्री सबीना व उसके दो बच्चों को सुजानगढ़ ले गए। इसके बाद तीन माह बाद आसिफ व उसके माता-पिता सबीना को लेने गए, लेकिन पीहर पक्ष वालों ने उसे नहीं भेजा। फिर कुछ माह बाद लाडनूं के छींपा समाज के लोगों ने समझाइश कर सबीना के पिता को समझाकर उसे वापस ससुराल भेजने के लिए मनाया। जिसके बाद से करीब ९-१० माह से वह वापस ससुराल रह रही थी।