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Nagaur patrika news. पक्षियों के मरने की संख्या 100 पार, बढ़ाई निगरानी

locationनागौरPublished: Jan 20, 2021 09:36:50 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur patrika-जिले में कौवों व कबूतरों के मरने की संख्या बढऩे पर पशुपालन ने बनाये अतिरिक्त विशेष कंट्रोल व निगरानी कक्ष-राज्य सरकार के अलर्ट के बाद भी वन विभाग की ओर से रोटू व गोगेलाव कन्जर्वेशन क्षेत्रो, सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी की विशेष व्यवस्था नही होने से पक्षियों-वन जीवों की स्थिति हुई विकट

Death toll of birds crossed 100, increased surveillance

Death toll of birds crossed 100, increased surveillance

नागौर. प्रदेश के कुछ जिलों में बर्ड फ्लू से की दस्तक होने के बाद जिले में भी मरने वाले पक्षियों की संख्या 100 के पार जा पहुंची है। इसके बाद जलाशय क्षेत्रों में मरने वाले पक्षियों की तरफ जिम्मेदारों का ध्यान बिलकुल नहीं गया है। हालात यह है कि कुछ तालाबों में तो मृत पक्षियों के बीच बेपरवाही से सेल्फी भी लेते हुए बर्ड फ्लू को आमंत्रण देते नजर आए। हालांकि पशुपालन विभाग की ओर से इस संबंध में पहले अपने चिकित्सा केन्द्र प्रभारियों एवं उपकेन्द्र में तैनात कर्मियों को निगरानी रखे जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन शहर एवं ग्रामीण के जलाशय क्षेत्रों पर भी निगरानी नहीं रखे जाने की स्थिति में विकट हो सकती है।
जायल, मूण्डवा, डेगाना, मेड़तासिटी एवं नागौर एवं इसके निकटवर्ती कालवा में अब तक मृत पाए गए पक्षियों की संख्या मंगलवार को 100 का आंकड़ा पार कर कई। पशुपालन विभाग के अनुसार मृत की श्रेणी में आने वाले सभी पक्षियों के शव का निस्तारण कराने के बाद इसमें संदिग्ध के तौर पर एक दर्जन से ज्यादा के सेंपल लेकर भेजे जा चुके हैं। सेंपल जयपुर एवं भोपाल, दोनों ही जगह भेजे गए हैं। अब तक इनकी रिपोर्ट तो नहीं आई है, लेकिन फिर प्रदेश के अन्य जिलों में इसकी पुष्ठी होने के बाद जिले भर में एतिहयात बरती जा रही है। ब्लॉकवार बनाई टीम की ओर से रोजाना आने वाले रिपोर्ट की स्क्रीनिंग की जा रही है। मंगलवार को नागौर में एक मृत पक्षी पाया गया, लेकिन जिले के अन्य ब्लॉकों में भी पक्षियों के मरने की संख्या शून्य रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों सर्दी के चलते भी मृत पक्षियों की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए जिन क्षेत्रोंं में ज्यादा संख्या में पक्षियों के मृत पाए जाने की जानकारी मिलती है तो वहां पर विशेषज्ञों का दल भेजा जाता है। ताकी हालात सामान्य ही बने रहे। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत किए जाने का प्रयास किया गया, लेकिन इस पूरे प्रकरण पर भी कुछ भी कहने से बचते रहे।
कहां, कितने पक्षी मरे
आंकड़ों में अब तक जायल में 56 कौवे, छह मोर, एक अन्य सहित मृत पक्षियों की संख्या 63 पहुंच चुकी है। जबकि मेड़ता में 24 कौवे मर चुके हैं। अन्य की संख्या शून्य रही है। पांच कौवे, तीन कबूर सहित आठ, डेगाना में 15, नागौर में दो और मूण्डवा में मृत पक्षियों की संख्या 10 रही है। कुल मिलाकर जिले में अब तक 122 पक्षी मर चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार फिलहाल इसकी पूरी तौर स्क्रीनिंग तो रोजाना हो रही है, लेकिन अब तक की स्थिति को देखते हुए हालात बिलकु सामान्य बने हुए हैं।
यहां पर भी देना पड़ेगा ध्यान
गोगेलॉव एवं रोटू कंजेर्वेशन क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण किए जाने पर लोगों ने बताया कि इन क्षेत्रों में प्रतिदिन मृत पक्षी मिलते हैं। इन पक्षियों को या तो कुत्ते उठा ले जाते हैं, या फिर कचरे में फेक दिए जाते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि इन क्षेत्रों में वन विभाग की ओर से विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। यहां पर भी निगरानी एवं पक्षियों के शव का निस्तारण कराने के लिए विशेष प्रबन्ध करने चाहिए, नहीं तो फिर स्थिति विकट हो सकती है।
इनका कहना है…
मृत पक्षियों की संख्या हालांकि 100 के पार जा पहुंची है, लेकिन सर्दी के कारण भी यह कई बार मर जाते हैं। इसके बाद भी पूरी स्थिति पर नजर रखने के साथ ही सघन निगरानी भी की जा रही है। जिले में अभी स्थिति पूरी तरह से सामान्य ही नजर आ रही है।
डॉ. जगदीश बरबड़, संयुक्त निदेशक पशुपालन नागौर

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