आखिर किसका दोष
किसान मंगाराम के राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में पटवार क्षेत्र आकला के ग्राम महेशपुरा में खसरा नम्बर 16 में 9 बिस्वा, 19 में 26 बीघा 18 बिस्वा, 25 में 2 बीघा 1 बिस्वा, 45 में 10 बिस्वा, 50 में 7 बीघा 10 बिस्वा, 141 में 33 बीघा 13 बिस्वा, 152 में 8 बीघा 12 बिस्वा सह खातेदारों में धर्माराम, मंगाराम, कोलाराम व तीजा पत्नी पीराराम जाट के नाम दर्ज है। चारों के नाम जमीन में से मंगाराम के हिस्से में करीब 20 बीघा जमीन आ रही है। सहकारी समिति ने राजस्थान फसली ऋण माफी योजना 2018 में बकाया फसली ऋण में से पांच हजार रुपए माफ कर प्रमाण पत्र प्रदान किया था, लेकिन अगर सहकारी विभाग द्वारा किसान की खातेदारी जमीन सही दर्ज कर दी जाती तो उसके 27 हजार रूपए का सम्पूर्ण ऋण माफ हो जाता। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार महेशपुरा के किसान धर्माराम, मंगाराम, कोलाराम व तीजा पत्नी पीराराम जाट इन चारों के सह खातेदारों की महेशपुरा में कुल 79 बीघा जमीन है तथा पुराने एमसीएल रिकॉर्ड में 20 हैक्टर जमीन दर्ज होने के कारण सरकार की फसली ऋण माफी योजना में किसान के पांच हजार रुपए का ऋण माफ हुआ है। ऐसे में दूसरों की गलती का खामियाजा किसान भुगत रहा है।
नियमानुसार दिया लाभ
पुरानी एमसीएल रिकॉर्ड के अनुसार 20 हैक्टेयर जमीन दर्ज होने के कारण उसी अनुसार फसली ऋण माफी योजना का लाभ मंगाराम को दिया गया है साथ ही उसे दुबारा ऋण भी दिया गया है।
उकाराम डूकिया व्यवस्थापक, सहकारी समिति खींवसर