सरकार के खिलाफ संघर्ष का एलान
नागौरPublished: Sep 10, 2018 12:13:52 pm
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के शिक्षक नेता प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे शिक्षक नेता, बीस हजार विद्यालय बंद करने, 80 हजार पद समाप्त करने का विरोध, 11 सूत्रीय मांगों की पूर्ति नहीं होने पर असंतोष
Declaration of struggle against the government
नागौर. मिर्धा धर्मशाला में रविवार को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश, जिला एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की हुई बैठक में प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा गया। शिक्षक नेताओं का कहना है कि 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक कटिबद्ध हैं। सरकार को इनका समाधान करना ही होगा। इस दौरान 17 सितंबर को बीकानेर में घेराव एवं रैली निकाले जाने की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने कहा कि यह काफी विडंबनापूर्ण स्थिति है कि शिक्षक एवं कर्मचारियों, दोनों को ही सरकार ने छला है। शिक्षा के निजीकरण के माध्यम से आमजन के कमजोर तबकों को शिक्षा से वंचित करने का काम कर रही है। सरकार को कोई भी व्यवस्था वैज्ञानिक ढांचे के अनुसार रखनी चाहिए। सभी चीजें सुव्यवस्थित होंगी तो, व्यवस्था खुद ही व्यवस्थित हो जाएगी। अफसोस सरकार की नीयत ही सही नहीं है। प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि सरकार को शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करना ही होगा, नहीं तो फिर यह सरकार के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड ने 11 सूत्रीय मांगपत्र पर बिदुंवत प्रकाश डाला। इस दौरान उपशाखाओं की संयुक्त में भी इससे जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसमें नेमाराम, रामकिशोर, श्रीराम सिहोरिया, हरजीत काला, ओमप्रकाश सेन, पवन मांझू, रामकिशोर डिडेल, बिशनसिंह कविया, भींवराज चांगल, हेमंत डिडेल, प्रवीण डिडेल, ओमप्रकाश वैष्णव, बाबूलाल शर्मा, हजारीलाल पूनियां, मो. सदीक, मांगीलाल एवं संजय कुमार व्यास आदि उपस्थित थे।
‘सरकार से अपमान का बदला लेंगे शिक्षक’
नागौर. शिक्षकों के नाम पर केवल वेतनमान में कटौती की गई, बल्कि एकीकरण के नाम पर 20 हजार स्कूलों को बंद करने के साथ 80 हजार पद समाप्त कर दिए गए। यही नहीं, शिक्षक दिवस पर अधिकारियों का सम्मान और शिक्षकों का अपमान किए जाने वाली सरकार से शिक्षक बदला लेंगे। 17 सितम्बर को बीकानेर में प्रदेशव्यापी रैली निकालकर सरकार के प्रति गुस्से का इजहार करेंगे। इस दौरान शिक्षा निदेशालय का घेराव भी किया जाएगा। राजस्थान शिक्षक संघ, शेखावत के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग रविवार को ने उक् त बात पत्रकारों से कही। वे संगठन के प्रदेश प्रतिनिधियों,प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र के साथ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सिहाग ने राज्य सरकार पर कर्मचारियों एवं शिक्षकों के खिलाफ काम करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के ढांचे को अव्यवस्थित करने के साथ ही पदों को भी समाप्त कर दिया। ब्लॉक स्तर पर जिलाशिक्षाधिकारी की तैनातगी कर देंगे, लेकिन स्टॉफ की व्यवस्था नहीं की जाती है। ऐसे में काम कैसे होगा। शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए भामाशाहों ने भवन बनाकर विभाग को सौंपे, और उन्हें निजी हाथों में दिए जाने का काम इस सरकार ने शुरू कर दिया। फिर कोई भामाशाह कैसे सहयोग करेंगे। पदोन्नति देने पीछे भी सरकार की नीयत कई स्कूलों को तोडकऱ बने सीनियर सेकण्डरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की मंशा थी। ताकि इन स्कूलों में शिक्षकों के खाली पद भरे जा सकें। 2004 के बाद शिक्षकों के लिए पेंशन व्यवस्था नहीं होना, पुरानी पेंशन व्यवस्था को हटाना समझ से परे रहा। सातवें वेतनमान को केन्द्र की तर्ज पर नहीं दिए जाने का काम भी गलत किया गया। शिक्षकों का स्थानांतरण में भी केवल भ्रष्टाचार ही रहा है। शिक्षकों को खुद के स्थानांतरण के लिए नेताओं के यहां चक्कर लगाने पड़ते हैं। यह स्थिति एक शिक्षक के लिए सही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार सरकार ने स्थानांतरण से पहले पार्टी के नेताओं एवं पदाधिकारियों के लिए सर्कुलर जारी किया कि वह अपने इच्छित लोगों का स्थानांतरण कराने के लिए डिजायर भेजें। यह सेवा नियम के संविधान के बिलकुल खिलाफ काम किया गया। कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर सरकार केवल मजाक कर रही है। लैब के साथ न तो कम्प्यूटर शिक्षक मिलता है, और ही सुव्यवस्थित व्यवस्थाएं होती है। अब ऐसे में शिक्षा का आधारभूत ढांचा कैसे मजबूत हो सकता है।