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सुखद अहसास : जिले में लगातार दूसरे वर्ष अपराधों में आई कमी

locationनागौरPublished: Dec 27, 2018 11:31:25 am

Submitted by:

shyam choudhary

– गत वर्ष की तुलना में इस बार 260 मुकदमे कम दर्ज हुए – बलात्कार व नकबजनी के मुकदमों के साथ झूठे मामलों की संख्या भी बढ़ी

Decrease in crime in second year in Nagaur district

Decrease in crime in second year in Nagaur district

नागौर. जिले में अपराधों का ग्राफ निरंतर गिर रहा है, जो एक अच्छा संकेत है। प्रदेश में जहां अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं नागौर जिले के लिए यह सुखद अहसास वाली बात है कि यहां पिछले दो सालों से लगातार अपराधों के आंकड़े कम हुए हैं। अपराधों पर अंकुश लगने से एक ओर जहां पुलिस के लिए राहत भरी खबर है, वहीं जिले के नागरिकों को भी शांति से जीवन जीने का माहौल मिल रहा है।
तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो पिछले दो सालों के बजाए इस बार मुकदमों की संख्या कम रही है। आईपीसी के कुल मामलों को देखें तो वर्ष 2016 में जहां नवम्बर तक 4874 मुकदमे दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2017 में 4785 तथा इस वर्ष नवम्बर तक 4525 मुकदमे दर्ज हुए हैं। हालांकि बलात्कार व नकबजनी के मामलों में गत वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, चोरी जैसे अपराधों में गत वर्ष की तुलना में इस बार कमी आई है।
इस प्रकार यदि हम गत वर्षों से वर्ष 2018 की तुलना करें तो नागौर पुलिस के लिए यह वर्ष काफी शांत एवं उपलब्धियों भरा रहा है, जिसमें सबसे बड़ी उपलब्धि विधानसभा के चुनाव शांतिपूर्वक तरीके से सम्पन्न कराना रहा है। हालांकि कुछ मामलों में पुलिस की किरकिरी भी हुई। इसमें हाल ही कोतवाली थाने के मालखाने से डोडा-पोस्त की चोरी हो या फिर बागरासर में पुलिस कांस्टेबल गेनाराम द्वारा अपने विभाग के अधिकारी से परेशान होकर परिवार के साथ सामूहिक आत्महत्या का मामला हो। इसी प्रकार थानों में आने वाले परिवादियों से रिश्वत मांगने एवं पादू व गोटन थाने में अपराधियों को संरक्षण देने के मामलों ने पुलिस की छवि को धूमिल करने का काम किया।
पुलिस ने खूब पकड़ी अवैध शराब
नागौर पुलिस ने लोकल एक्ट के मामलों में गत वर्ष की तरह इस बार भी खूब कार्रवाई की। खासकर आबकारी अधिनियम में पुलिस ने गत वर्ष की तुलना में इस बार करीब 90 कार्रवाई ज्यादा की। आबकारी अधिनियम में गत वर्ष जहां 495 मामले दर्ज किए गए, वहीं इस वर्ष 586 मामले दर्ज किए गए। चुनावी वर्ष होने के कारण आबकारी अधिनियम में हुई कार्रवाई में इस वर्ष पुलिस ने अवैध शराब की बरामदगी भी गत वर्ष की तुलना में ज्यादा की है। इसी प्रकार जुआ अधिनियम में वर्ष 2016 में 300 कार्रवाई हुई, वहीं वर्ष 2017 में 303 कार्रवाई की गई और इस वर्ष 302 कार्रवाई की गई। स्वापक औशधी एवं नशीले पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) में गत वर्ष की तुलना में इस बार कुछ कमी रही। गत वर्ष जहां 31 मामले हुए, वहीं इस बार 29 मामले ही दर्ज किए गए। एक्सप्लोजिव एक्ट में भी इस वर्ष कम कार्रवाई की गई। वर्ष 2017 में 35 मामले दर्ज हुए, जबकि वर्ष 2018 में 27 मामले दर्ज किए गए। शस्त्र अधिनियम में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक मामला ज्यादा रहा। गत वर्ष 31 मामले दर्ज किए गए, वहीं इस वर्ष 32 मामले दर्ज किए गए। कुल मिलाकर लोकल एक्ट में जहां वर्ष 2017 में 1542 मामले दर्ज किए गए, वहीं इस वर्ष यह आंकड़ा 1535 रहा।
नोट – सभी आंकड़े जनवरी से नवम्बर तक के हैं।
अपराधों पर कसी लगाम
हमने लगातार दूसरे वर्ष जिले में अपराधों पर अंकुश लगाया है। बलात्कार व नकबजनी के मामलों को छोड़ दें तो अन्य सभी अपराधों में कमी आई है। डकैती जैसे अपराधों पर पूरी तरह लगाम लगाने में सफल रहे। इसी प्रकार लूट, हत्या, हत्या का प्रयास, चोरी व अपहरण जैसे प्रमुख अपराधों में कमी आई है। जिले में अवैध शराब के परिवहन से लेकर बिक्री पर भी अंकुश लगाया है, पिछले वर्ष जहां आबकारी अधिनियम में 495 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस बार हमने 586 मामले दर्ज किए हैं।
– हरेन्द्र कुमार महावर, पुलिस अधीक्षक, नागौर

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