सुबह दीक्षा के बाद फूलों से नाजुक इन बेटियों को अपने रास्ते और सफर अपने विवेक से ही तय करने होंगे। बैण्ड-बाजे, हाथी की पालकी, रथ समेत कई तरह से मुमुक्षु बहनों के वर्षीदान वरघोड़े को सजाया गया। इस वरघोड़े में हजारों की संख्या में समाज व नागौर के बाशिंदे शामिल हुए। बैण्ड बाजों की मधुर धुनों ने लोगों को आनंदित कर दिया। उत्साह और भक्तिभाव से भरे लोगों ने जगह-जगह जयकारे लगाकर आनंद को और भी बढ़ा दिया। कई जगह मुमुक्षु बहनों का सत्कार किया गया।