औपचारिकता निभाने को लगाए वृक्ष नियमानुसार क्रेशरों के आस-पास वृक्ष होने चाहिए और वहां तक जाने का रास्ता भी पक्का होना चाहिए, चारों तरफ पानी का छिडक़ाव किया जाना चाहिए, लेकिन क्रेशर मलिकों ने जनजीवन से खिलवाड़ करते हुए नियमों को ताकपर रखकर महज औपचारिकता निभाने को वृक्ष लगाए हुए हैं। दिखाने के लिए एक छोटी सी पानी की टूटी लगा रखी है।गिट्टी और पाउडर से भरे ट्रकों के आवागमनका रास्ता भी कच्चा है। इस वजह से ट्रकों के टायरों से धूल का गुब्बार उठता रहता है।
कृषि भूमि हो रही बंजर ग्रामीणों ने बताया कि इन क्रेशर मशीनों से उडऩे वाली मिट्टी आस-पास के पांच सौ मीटर के दायरे के खेतों में जमने से खेतों में लगे खेजड़ी के पेड़ तक सफेद हो गए हैं। जमीन पर सफेद पाउडर की परत जम गई है और दिनों दिन खेत बंजर होते जा रहे हैं।धूल के कणों से पनपने लगी बीमारियां क्रेशर मशीनों में पत्थर को पीसा जाता है,इस कारण पत्थर का पाउडर बनाने वाली मशीने सूखी चलने पर हवा में उड़ते धूल के कण श्वांस के जरिये लोगों के फैफड़ों तक पहुंचते हैं। इससे टीबी, सिलिकोसिस जैसी घातक बीमारी होने से व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।
इनका कहना है बिना पानी के क्रेशर मशीनों को चलान की वजह उनसे उडऩे वाली धूल के कण खेतों में लगे पेड़ पौधों व फसल की पत्तियों पर जम जाते हैं। इससे पौधों में वाष्पोत्र्सजन क्रिया एवं प्रकाश संश्लेषण क्रिया बंद हो जाती है। पौधों को भोजन मिलना बंद होने से पौधे मर जाते हैं। धूल खेत की जमीन पर जमने से जमीन की उत्पादक क्षमता कम कर देती है।
डॉ. पीडी चौधरी, सहायक कृषि अधिकारी नोटिस देकर करेंगे कार्रवाई यदि नियमों के खिलाफ वह मशीनें संचालित है तो क्रेशर मालिक को नोटिस जारी कर कार्रवाई करेंगे। रास्ते के लिए प्रपोजल तैयार कर उसके पक्का करवाएंगे।
सोहनलाल गुरु एएमई, खनन विभाग, नागौर।
सोहनलाल गुरु एएमई, खनन विभाग, नागौर।