नागौर

राज्यपाल से सामूहिक बलात्कार-ब्लैकमेलिंग आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग

Nagaur. राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड ने दिया ज्ञापन, जिम्मेदारों पर लगाए उदासीनता बरतने के आरोप

नागौरJul 19, 2021 / 11:05 pm

Sharad Shukla

Nagaur. Officers addressing the meeting before giving the memorandum on behalf of National Phule Brigade

नागौर. राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड ने जोधपुर जिले के आसोप थानाक्षेत्र में नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन कलक्टर को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि गत 11 जुलाई को सामूहिक बलात्कार व ब्लैकमेलिंग की घटना के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज नहीं है। पीडि़त परिवार को डर व मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में लगातार हो रही बलात्कार की घटनाओं के बाद भी राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा कई मामलों में ढिलाई बरती गई है आसोप घटनाक्रम पर उच्च अधिकारि, संबंधित मंत्रीगण और राज्य महिला आयोग भी चुप्पी साध कर बैठे हैं। राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड नागौर द्वारा इस घटनाक्रम की भत्र्सना करते हुए राज्यपाल से पीडि़त परिवार को सुरक्षा और उचित मुआवजे दिलाने की मांग की गई ज्ञापन सौपने के दौरान राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड के जिला प्रमुख हेमंत टांक सैनी, महंत जानकीदास महाराज, पुखराज सांखला, रामेस्वर सारस्वत, प्रवीण गहलोत,मुकेश गौड़, सुखनाथ योगी,देवेंद्र टाक,राकेश घांची,बंटी सैनी, विनोद कच्छावाह,गोरु भाटी,विनोद भाटी, नथमल सर्वा, दिनेश माली, आदि उपस्थित थे।
जेएलएल के लेबररूम के प्रभारी पद को लेकर विवाद
नागौर. जिला मुख्यालय के राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में रोटेशन में लेबररूम का कार्यभार को लेकर विवादित स्थिति उत्पन्न हो गई है। लेबररूम का चार्ज रोटेशन के क्रम में मंजू परिहार को दिया गया। इसके आदेश भी जारी हो गए, लेकिन इसके बाद भी पहले से लेबररूम इंचार्ज रही प्रभारी ने मंजू परिहार को कार्यभार नहीं सौंपा। इस संबंध में कलक्टर एवं पीएमओ को लिखित में पत्र देकर इस संबंध में यथोचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है। आरोपित है कि तत्कालीन प्रभारी की ओर से पीएमओं पर भी इस बाबत दबाव बनाया जा रहा है। ताकी मंजू परिहार को लेबररूम का चार्ज न मिल सके। उल्लेखनीय है कि अस्पताल प्रशसन की ओर से गत 9 जुलाई को यह आदेश जारी हुआ था। इस आदेश के सप्ताह भर भी पालना नहीं होने से स्थिति विकट होती नजर आने लगी है। इसी मामले में सत्यनारायण ने भी कलक्टर को पत्र देकर आग्रह किया है कि उनकी पत्नी मंजू को अस्पताल प्रशासन की ओर से रोटेशन में नाम आने एव आदेश जारी होने के बाद भी कार्यभार नहीं दिया जा रहा है। जबकि वह इस वार्ड को गोद लेकर इसकी सूरत बदलने की मंशा भी जता चुके हैं।

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