विधायक ने अनशन कर रहे छात्र नेता बांता से कहा कि गर्मी का मौसम है और ये मांगें ज्यादा बड़ी नहीं है, इसलिए इनके लिए अनशन जैसा निर्णय लेना ठीक नहीं है। उन्होंने बांता से आह्वान किया कि वे अनशन तोड़ दें। शेष दोनों मांगें एक-दो-चार दिन में पूरी करवा देंगे। इस दौरान विधायक ने उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव से फोन पर बात कर धरने व अनशन की जानकारी दी, जिस पर मंत्री ने उन्हें सोमवार तक सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मांगें नहीं मानी तो करेंगे विरोध इस दौरान पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेंद्र दौतड़ ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि यदि राजस्थान सरकार ने समय रहते छात्रों की मांगों को नहीं माना तो अगली बार जब प्रभारी मंत्री नागौर में आएंगे तो उनका विरोध किया जाएगा। दौतड़ ने कहा कि नागौर मान मनुहार में सबसे आगे है, लेकिन यदि युवा पीढ़ी नाराज हो गई तो विरोध भी उसी प्रकार का होगा। अनशन कर रहे छात्र नेता बांता ने कहा कि वे छात्रों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब तक उनकी मांगें सरकार द्वारा नहीं मानी जाएगी, तब तक वे अनशन नहीं तोड़ेंगे, क्योंकि मंत्री के थोथे आश्वासन खूब सुन चुके।
धरने में ये रहे उपस्थित धरने में छात्र नेता राकेश जुनावा, पुनाराम मेघवाल, बाबूलाल चोटिया, भागीरथ चोटिया, सुमित भाटी, विजय चौधरी, राकेश गुर्लिया, दिनेश बेनीवाल, ओमाराम, धीरज सांखला, रामलाल, काना पारीक, सतीश फुलफगर, सुनिल बिशनोई, राकेश सर्वा, अनिल शिलगांवा, पुसाराम भाकर, भरत ग्वाला, नितिन, हुकुमदान, भल्लाराम, महिपाल ग्वाला, राकेश सूरजभान, अनिल सारण, मनीष जाजड़ा, विजयप्रकाश, मुकेश बिश्नोई, सुनील जाजड़ा, पुखराज, सोहन चारण, राजवीर सिंवर आदि छात्र उपस्थित रहे।
प्रभारी मंत्री दे रहे थोथे आश्वासन जिला मुख्यालय के बीआर मिर्धा कॉलेज में विद्यार्थियों की पर्याप्त संख्या एवं संसाधन होने के बावजूद सरकार हिन्दी, भूगोल, राजनीति विज्ञान सहित विज्ञान संकाय के विभिन्न विषयों में पीजी कोर्स की सुविधा नहीं है। इसको लेकर गत वर्ष दिसम्बर में राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट किया। उसी दौरान प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव को नागौर का प्रभारी मंत्री बनाया। प्रभारी मंत्री बनाने के बाद यादव जब नागौर आए तो यहां के छात्रों ने मंत्री से पीजी कोर्स खोलने की मांग की, जिस पर मंत्री ने बजट में घोषणा कराने का आश्वासन दिया। बजट में मिर्धा कॉलेज को कुछ भी नहीं मिला तो दुबारा आने पर मंत्री से सवाल किया गया, पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात कर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है। गौरतलब है कि प्रभारी मंत्री ने गत माह आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं को भी तीन दिन में आदेश जारी करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन प्रभारी मंत्री यादव के सभी आश्वासन थोथे साबित हुए। इससे छात्रों व अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो रहा है।