धरने में शामिल सरपंच संघ अध्यक्ष श्रवणराम बिजारणियां, मुस्ताक खां धनकोली व शौकतअली खां दाउदसर ने आरोप लगाया कि शहरों में बिजली नहीं कट रही है। कटौती हो भी रही है तो बहुत कम की जा रही है। जबकि ग्रामीण इलाकों में मनमर्जी के मुताबिक बिजली कटौती क्यों की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले इंसान नहीं है, क्या वे बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं।
अधिकारी नहीं उठाते फोन
अधिकारी नहीं उठाते फोन
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि बिजली काटने के बाद अधिकारी उनका फोन तक नहीं उठाते है और दस से पन्द्रह घंटे तक बिजली कटौती करते है। राजेंद्र रेवाड़ व हनुमान चौधरी ने बताया कि रमजान का महिना चल रहा है। बोर्ड की परिक्षाएं भी है। बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। सरकार के इस रवैय से आमजन परेशान है। प्रदर्शनकारियों ने बिजली विभाग के अधिाकरियों को जल्द सुधार करने की मांग का ज्ञापन भी दिया है।
ज्ञापन में यह रखी मांगे:-
ज्ञापन में यह रखी मांगे:-
अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में किसानों ने क्षेत्र में की जा रही अघोषित बिजली कटौती को बंद करने, किसानों को समय पर ट्रांसफार्मर दिए जाने, झूलते तारों को जल्द दुरस्त करवाए जाने व ट्रांसफार्मर में समय समय पर तेल की व्यवस्था करने आदि मांगे की। इस दौरान किसानों व अधिकारियों की बीच वार्ता हुई। व्यवस्था सुधारने में डीडवाना एक्सईएन ने पांच दिन का समय मांगा।
यह रहे धरने में मौजूद:-
यह रहे धरने में मौजूद:-
धरने में मौलासर सहित सुदरासन, नुवां, खोखोली, धनाकोली, निमोद, डाबड़ा सहित बरड़वा के जनप्रतिनिध धर्मपालसिंह, बाबूलाल रणवां, जयराम बुगालिया, भूराराम कुदणा निमोद, सांवताराम बांसा आदि मौजूद रहे।