जिले के उपभोक्ताओं में डिस्कॉम के एक अरब, 29 करोड़, 38 लाख, 57 हजार रुपए की उधारी है, जिसे वसूलने के लिए डिस्कॉम की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। हालांकि पहाड़ जैसे लक्ष्य को प्राप्त करना एक महीने में मुश्किल है, लेकिन निगम अधिकारियों का प्रयास है कि इसमें से जितना प्राप्त हो जाए, उतना अच्छा है। डिस्कॉम एसई आरबी सिंह ने बताया कि फरवरी 2021 के अंत तक नागौर वृत्त की कुल राजस्व वसूली 93.39 प्रतिशत रही है, जबकि अकेले फरवरी माह में नागौर वृत्त द्वारा 104.89 प्रतिशत वसूली की गई।
वाणिज्य कर विभाग में जिले को 78 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से अब तक 46 करोड़ रुपए का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। यानी विभाग ने अब तक 59 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, लेकिन अब विभाग ने एमनेस्टी स्कीम भी लागू की है, जिसमें करदाताओं को काफी राहत प्रदान की जाएगी।
नागौर जिला परिवहन विभाग को इस वित्तीय वर्ष में 120 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया, जिसमें से 73.30 करोड़ रुपए की प्राप्ति 28 फरवरी तक पूरी कर ली गई है। हालांकि कुल लक्ष्य की तुलना में प्राप्ति का आंकड़ा काफी कम है, लेकिन इसका प्रमुख कारण कोरोना महामारी रही। अब विभाग का प्रयास है कि इस माह में अधिक से अधिक प्राप्त कर लिया है। वैसे अकेले मार्च माह का लक्ष्य 21 करोड़ दिया गया है, जिसे अधिकारी पूरा करने का दावा कर रहे हैं।
जिला परिवहन अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी के अनुसार परिवहन विभाग ने 31 जनवरी 2021 तक के मोटर यान कर, विशेष सडक़ कर, एक बारीय कर, एकमुश्त कर और अधिभार पर संदेय शास्ति (पैनल्टी) और ब्याज के संदाय में छूट दी है, जो 31 मार्च तक जमा कराने पर मिलेगी। इसी प्रकार खान विभाग के 31 जनवरी तक के ई-रवन्ना के आधार पर बनाए गए चालानों में 31 मार्च 2021 तक प्रशमन राशि जमा कराने पर अलग-अलग राशि पर अलग-अलग छूट दी जाएगी।
सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य का अब तक करीब 61 प्रतिशत प्राप्त कर पाए हैं। वित्तीय वर्ष के शुरू के तीन महीनों में लॉकडाउन के कारण कर जमा नहीं हो पाया। फिर भी नागौर जिले की स्थिति प्रदेश के औसत से बेहतर है। हमने कर जमा कराने के लिए जिला परिवहन कार्यालय नागौर एवं उप जिला परिवहन कार्यालय मेड़ता सिटी में विशेष काउंटर लगाए गए हैं। इसके साथ मार्च माह में वाहन स्वामियों की सुविधा के लिए कार्यालय राजकीय अवकाश में भी खुले रहेंगे।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर
इधर, आयकर विभाग ने करदाताओं को दी राहत
आयकर विभाग ने कोरोना काल एवं उसके बाद करदाताओं के लिए उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजस्व संग्रहण के तरीके को बहुत ही प्रभावी तरीके से परिवर्तित किया है। सामान्य परिस्थितियों में जहां केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा प्रत्येक निर्धारण अधिकारी को राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया जाता था, वहीं इस बार करदाताओं को इसमें राहत देते हुए कर संग्रहण को लचीला बनाया है। केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय बजट 2020-21 के दौरान कर संग्रहण के लिए 24.23 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा था, लेकिन कोविड-19 महामारी एवं करदाताओं के संबंध में विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस लक्ष्य को घटा कर 13.19 लाख करोड़ कर दिया गया है। सामान्य परिस्थियों में कर संग्रहण अग्रिम कर, टीडीएस, रेगुलर कर एवं छापे की कार्यवाहियों से जमा होता है। वर्तमान कोविड-19 परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए करदाताओं को अग्रिम कर जमा करवाने में शिथिलता प्रदान की गई है।
आयकर विभाग केन्द्र सरकार की विवाद से विश्वास योजना के माध्यम से कर संग्रहण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक प्रयासरत है। नागौर आयकर कार्यालय के स्तर पर आयकर अधिकारी प्रदीप कुमार पारीक तथा अन्य कर्मचारियों ने इस योजना को सफल बनाने क लिए करदाताओं एवं कर सलाहकारों से पूर्व में भी चर्चा की थी। इस संबंध में आयकर विभाग की पूरी टीम आयकर अधिकारी पारीक एवं आयकर निरीक्षक गोपीकिशन उपाध्याय के नेतृत्व में दिन-रात प्रयासरत हैं। विवाद से विश्वास योजना करदाता एवं आयकर विभाग के बीच बकाया मांग के विवाद को निपटा कर आयकर संग्रहण में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रही है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार लगभग 1.26 लाख करदाताओं के 97 हजार करोड़ रुपए के बकाया मांग मामलों का निपटारा इस योजना के अन्तर्गत कर दिया गया है। इस योजना की अवधि हाल ही 31 मार्च तक बढ़ाई है, जो की करदाताओं के लिए बड़ी राहत है।