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कथा के चौथे दिन किया बाल लीला का वर्णन

locationनागौरPublished: Oct 16, 2018 09:08:03 pm

Submitted by:

shyam choudhary

संखवास में चल रही रामकथा

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नागौर. संखवास में चल रही रामकथा के चौथे दिन श्रीराम कथावाचक अयोध्या धाम के संत आचार्य ब्रजेक भारद्वाज महाराज ने भगवान राम की बाल लीला तथा धनुष यज्ञ का वर्णन कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होने कहा कि अगर दु:ख नहीं होता तो प्रभु की याद न आती। अंधेरे में रहने वाले लोग ही प्रकाश के महत्व को भली भांति समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि यह मानवीय स्वभाव है, कि लोग सहजता से प्राप्त वस्तु की ज्यादा कद्र नहीं करते हैं। चक्रवर्ती महाराज दशरथ के घर जब चार पुत्र पैदा हुए तो उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई, उनमें लंबे समय तक पुत्र प्राप्ति की तड़प विद्यमान थी।

रामकथा का सार बताते हुए महाराज ने कहा कि अटूट प्रेम से ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है। प्रेम से वशीभूत होकर ही प्रभु निर्गुण से सगुण रूप में दर्शन देते हैं। महाराज ने बताया श्रीराम ने अपना विशाल रूप माता कोशल्या को बताया तो माता कोशल्या को भ्रम हुआ कि यह मेरा पुत्र नहीं है पर जब सांसारिक जीव अपनें धर्म से अपने पथ से भटक जाता है, भगवान उसे दु:ख के माध्यम से दिखाते है कि भगवान को भूलने का यही परिणाम होता है तथा माता कोशल्या को भगवान का विराट रूप दिखाने का यहीं मतलब होता है। इस अवसर पर सुनील खंडेलवाल, भीकम चंद अटल, नरसिंह अटल, बालाराम हेड़ा, दामोदर हेड़ा, जुगल किशोर हेडा, शिवनारायण हेड़ा, बाबूलाल हेड़ा, सत्यनारायण सोनी, रामकुमार सोनी, पुखराज सोनी, गौतम सेन सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।

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