नागौरPublished: Jul 13, 2018 11:56:32 am
Sharad Shukla
शिक्षा विभाग ने श्रेष्ठतम परिणाम व विद्यालय को बेहतर बनाने में योगदान करने वाले शिक्षकों के हटाने पर गुस्साए ग्रामीण, चेताया पुनर्विचार करे विभाग, नहीं तो स्कूल से हटा लेंगे बच्चों को
Guinani school again operated in single innings
नागौर. शिक्षा विभाग की ओर से की गई काउंसिलिंग ने जिले के मॉडल विद्यालय मांझवास को एक झटके में बदहाल स्कूल में बदल डाला। काउंसिलिंग में इधर-उधर हुए संस्था प्रधान व शिक्षकों ने अथक प्रयास के बाद विद्यालय के बच्चों को अंग्रेजी में भाषण देना, बोलना सिखाने के साथ विज्ञान एवं गणित में पारंगत कर परिणाम में अन्य शिक्षण संस्थानों से बेहतर बनाने में योगदान दिया, अब शिक्षा विभाग ने उन्हीं को विद्यालय से हटा दिया। जबकि यहां पर पहले से महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापकों के पद रिक्त हंै। इससे भडक़े ग्राम पंचायत झाड़ीसरा मांझवास गांव के ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर जल्द ही पहले वाली स्थिति बहाल करने का आग्रह किया है। ग्रामीणों ने चेताया कि स्कूल को बेहतर बनाने में वर्षों लगे, और शिक्षा विभाग ने एक झटके में शिक्षकों की मेहनत पर पानी फेर दिया। हालात नहीं बदले गए तो विद्यालय में तालाबंदी करनी पड़ेगी और बच्चों को भी विद्यालय में नहीं भेजेंगे। नव क्रमोन्नत इस विद्यालय को बेहद कठिनाई से नामांकन, एलईडीयुक्त क्लॉसेज के साथ हरियालीयुक्त वातावरण में बदलने में अथक मेहनत की है। विद्यालय के कार्यवाहक संस्था प्रधान रहे ओमप्रकाश सेन एवं उनके स्टॉफ ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इस विद्यालय को निजी शिक्षण संस्थानों से बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई। अब स्कूल बेहतर हुआ, और नामांकन बढ़े तो शिक्षा विभाग ने काउंसिलिंग में यहां के संस्था प्रधान व शिक्षकों की अन्यत्र तैनातगी कर दी। इससे ग्रामीणों में असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं। ग्रामीण देवाराम, गुलाराम, ओमप्रकाश, पदमाराम, गणपतराम, श्रीराम आदि का कहना है कि शिक्षा विभाग आखिरकार चाहता क्या है, जो विद्यालय बेहतर है, और अन्य राजकीय विद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है, उसी की व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया। जिले में और भी विद्यालय हैं…! काउंसिलिंग से ही शिक्षकों की तैनातगी करनी थी तो अन्यत्र बदहाल स्कूलों के लिए करते। यहां की व्यवस्था को क्या बिगाड़ दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि हालात बिगड़े तो एक आदर्श-मॉडल विद्यालय बर्बाद करने का जिम्मेदार खुद शिक्षा विभाग होगा। जबकि विद्यालय में प्राथमिक के 124, उच्च प्राथमिक के 95 एवं माध्यमिक स्तर पर 28 नए बच्चों का दाखिला
हुआ है।