इसलिए फेल साबित हुआ अभियान लॉस रिडक्शन प्रोग्राम के तहत गठित टीमों ने चार दिन तक मोहल्लों में पहुंचकर बारी-बारी प्रत्येक घर में जांच की। टीमों ने जैसे ही कार्रवाई शुरू की, बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ता सतर्क हो गए। उन्होंने टीम के पहुंचने से पहले ही चोरी बंद कर दी। इस अभियान के दौरान केवल वही उपभोक्ता पकड़ में आए, जिन्होंने मीटर से छेड़छाड़ कर रखी थी या मीटर ऑपरेट किया हुआ था।
विभाग ने सोचा उपभोक्ता डर जाएंगे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस अभियान को चलाने के पीछे अधिकारियों की सोच थी कि उपभोक्ता डरकर निगम के पास आ जाएंगे और जुर्माना भरकर कनेक्शन ठीक करवा लेंगे, लेकिन एेसा हुआ नहीं।
जेईएन भाकर ने भरी सबसे ज्यादा वीसीआर गत दिनों चार दिन तक चलाए गए सर्च अभियान के दौरान १२ अधिकारियों ने अलग-अलग कार्रवाई करते हुए ५ हजार १८ मकानों की चैकिंग की। इस दौरान सबसे ज्यादा नागौर एक्सईन एचआर नारानिया ने ६३५ तथा सबसे कम मूण्डवा एईएन महेन्द्र चौधरी ने ७३ चैकिंग की। वहीं वीसीआर भरने में सबसे ऊपर नागौर जेईएन कैलाश भाकर रहे, भाकर ने १७ वीसीआर भरी। दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा वीसीआर भरने वाले नागौर एईएन एमआर मीणा रहे, जिन्होंने १६ वीसीआर भरी, जबकि फिडर मैनेजर लालचंद आंवला ने चैकिंग तो २३५ की लेकिन वीसीआर एक भी नहीं भरी।
कार्रवाई तो हुई है लॉस रिडक्शन प्रोग्राम के तहत जिले में करीब २० हजार कनेक्शनों की जांच की गई है, जिनमें से करीब ३०० के खिलाफ वीसीआर भरी गई है। यह अभियान अभी चल रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ऑपरेटेड मीटर को पकडऩा था।
– एमबी पालीवाल, एसई, डिस्कॉम, नागौर