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सरकार के इस आदेश ने उड़ाई ग्रामसेवकों व सरपंचों की नींद, अब 10दिसम्बर तक करवाना होगा यह काम…

locationनागौरPublished: Dec 04, 2017 10:51:37 am

Submitted by:

Dharmendra gaur

राजस्थान सरकार ने मनरेगा योजनान्तर्गत कार्य स्थल पर कार्यों का विवरण दर्शाने के लिए पंचायतों को 10 दिसम्बर तक डिस्प्ले बोर्ड लगाने का आदेश दिया है।

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नागौर. महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कार्य स्थल पर किए गए कार्यों का विवरण दर्शाने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को 10 दिसम्बर तक डिस्प्ले बोर्ड लगाने होंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के परियोजना निदेशक एवं संयुक्त सचिव, ईजीएस राजेन्द्र सिंह ने जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक को इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि मनरेगा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की कार्य स्थल पर जानकारी नहीं दर्शाए जाने से यह पता नहीं चल पाता था कि यह कार्य किस योजना के तहत किया गया है।
स्थाई रूप से लगेंगे बोर्ड
ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार पंचायती राज विभाग के संशोधित आदेश में कहा गया है कि एमआईएस पर पूर्ण नहीं दर्शाए गए ऐसे कार्य जो पूरे हो चुके हैं, उनके कार्यों का स्थाई डिस्प्ले बोर्ड स्वीकृत तकमीना पर चार्ज लगाते हुए बनाए जा सकेंगे। विभाग ने वित्त वर्ष 2010-11 एवं इसके बाद पूर्ण किए गए एवं प्रगतिरत रहे सभी कार्यों पर अनिवार्य रूप से बोर्ड लगाने को लेकर पहले जारी आदेश के संबंध में स्पष्ट किया है कि एमआईएस पर पूर्ण दर्शाए जा चुके कार्यों के बोर्ड नहीं लगाए जाएंगे।
बनाए जाएंगे नए जॉब कार्ड
इसी प्रकार विभाग ने गुड गवर्नेंस के तहत की गई पहल पर कार्रवाई करते हुए मनरेगा में नए जॉब कार्ड जारी करने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत सामान्य व विशेष दो श्रेणी के कार्ड जारी किए जाएंगे। पीले रंग वाले जॉब कार्ड में सामान्य श्रेणी के लिए नीली पट्टी जबकि विशेष श्रेणी के लिए हरी पट्टी रहेगी। जॉब कार्ड के अंतिम पृष्ठ पर जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक व अन्य अधिकारियों के कार्यालय के दूरभाष नम्बर अंकित किए जाएंगे।
मनरेगा सामग्री पर जीएसटी कटौती
महानरेगा योजना के अंतर्गत सामग्री भुगतान पर जीएसटी कटौती की जाएगी। इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के ईजीएस, वित्तीय सलाहकार ने जिला कलक्टर एवं कार्यक्रम समन्वयक को दिशा निर्देश जारी किए हैं। अब मनरेगा के तहत सभी राजकीय विभाग संविदा के तहत 2.5 लाख रुपए से अधिक मूल्य की वस्तु या सेवाएं लेने पर जीएसटी अधिनियम की धारा 51 के तहत स्रोत पर कर की कटौती अनिवार्य रूप से करेंगे।
दाखिल करना होगा विवरण
नए दिशा निर्देशों के अनुसार ऐसी कटौती करने वाले आहरण वितरण अधिकारी टैन आधारित पंजीयन करवाएंगे व अधिनियम के तहत निर्धारित विवरणी दाखिल करेंंगे। जीएसटी की स्रोत पर कटौती भविष्य में निर्धारित तिथि से प्रारंभ की जाएगी। हालांकि स्रोत पर कटौती के प्रावधान अधिसूचित करने के बाद जीएसटी की स्रोत पर कटौती की जा सकेगी। वर्तमान स्थिति में जीएसटी का भुगतान आपूर्तिकर्ता द्वारा ही राजकोष में जमा करवाया जाएगा।

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