ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के संदर्भ में सीईओ जवाहर चौधरी ने बताया कि मनरेगा में लेबर नियोजन के मामले में नागौर जिला प्रथम स्थान पर है। साथ ही जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 32,960 आवासों की स्वीकृति जारी की गई है। बैठक में राज्य सरकार की नवीन योजना मुख्यमंत्री जिला नवाचार निधि के माध्यम से जायल में लाइब्रेरी व स्टेडियम निर्माण के संबंध में भी जानकारी दी। सीईओ चौधरी ने बताया कि जिले में नवसृजित 33 ग्राम पंचायतों के लिए नवीन पंचायत भवनों के निमित्त 32 पंचायत भवन के निर्माण के लिए भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
श्रम विभाग अधिकारी ने बताया कि श्रमिकों के लिए नागौर जिले में 58 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए 13 करोड़ 37 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। जिले में सर्वाधिक खनन क्षेत्र हैं तथा सिलिकोसिस पीडि़तों की संख्या भी अधिक है। इस कारण जिला कलक्टर द्वारा बैठक में संभागीय आयुक्त से नागौर जिले में श्रम विभाग में रिक्त पदों को शीघ्र ही भरने के सम्बंध में संभागीय आयुक्त कार्यालय स्तर पर पत्राचार करने का आग्रह किया। बैठक में शिक्षा विभाग के कार्यों व प्रगति की समीक्षा करते हुए संभागीय आयुक्त ने शिक्षा अधिकारी से महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय के बच्चों द्वारा अंग्रेजी में संभाषण करवाने पर बल देने व उनमें स्किल ट्रेनिंग भी करवाने का निर्देश दिया। विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि जिले के छह ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना की जा चुकी है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामदयाल मांजू ने बताया कि कोरोनाकाल में जिले में कोविड-19 से पति की मृत्यु होने पर 228 महिलाओं को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा 180 महिलाओं के बच्चों को भी मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत आर्थिक संबल प्रदान किया गया। साथ ही 10 अनाथ बच्चों को भी सहायता राशि स्वीकृत की गई। बैठक में बताया कि पालनहार योजना में नागौर जिला राजस्थान में शीर्ष स्थान पर है, जहां पालनहार योजना के तहत बच्चों को चिह्नित करके आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही 680 पीडि़तों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया है।