इसलिए नहीं की हड़ताल
डॉक्टरों के अनुसार हड़ताल पहले से तय नहीं थी। दूसरी ओर बांगड़ अस्पताल में उपचार के लिए भारी संख्या में मरीज पहुंच गए। इसके अलावा कई मरीजों का तुरंत ऑपरेशन करना तथा गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करवाना जरूरी था। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने हड़ताल टाल दी।
कर्मचारियों ने जताया विरोध
इस मौके पर बांगड़ चिकित्सालय में कार्यरत सभी कैडर के कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। साथ ही नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया, मगर उन्होंने भी कार्य का बहिष्कार नहीं किया। इस दौरान कर्मचारियों ने छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर कर, सातवें वेतन आयोग को १ जनवरी २०१६ से लागू करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि समय रहते सरकार ने मांगे नहीं मानी तो बड़ा आन्दोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रूपनारायण ठठेरा, संगठन मंत्री गणेशाराम चौधरी, संरक्षक महावीर प्रसाद, दुर्गालाल नंगलिया, शफी मोहम्मद, लैब टेक्नीशियन संघ के उपाध्यक्ष अमरीश माथुर, धनराज, एक्सरे के सुमेरसिंह, रामरतन घांसी सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित थे।
चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज परेशान
मकराना . सेवारत चिकित्सक संघ के पदाधिकारियों के तबादलों के विरोध में शुक्रवार को चिकित्सक सामूहिक रूप से हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों के सामूहिक रूप से हड़ताल पर रहने से शुक्रवार को राजकीय चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को परेशानी से दो-चार होना पड़ा वहीं गत महिने प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सकों के 33 सूत्री मांगो को लेकर सामूहिक रूप से अवकाश पर चले जाने के पश्चात चिकित्सकों के साथ समझौता हुआ था जिसके क्रियान्वयन से पूर्व ही सेवारत चिकित्सक संघ के पदाधिकारियों के तबादला कर दिए जाने पर शुक्रवार को चिकित्सकों के फिर से हड़ताल पर रहने की पूर्व जानकारी होने पर कई मरीज राजकीय चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंचे ही नहीं जिसके चलते आम दिनों में जहां ओपीडी ६५० के करीब रहती है जो शुक्रवार को ३०० के लगभग रही। शुक्रवार को राजकीय चिकित्सालय में आयुष हिम्मत सिंह एवं नसरीन नूरी ने अपनी सेवाएं दी।
ड्यूटी पर नहीं आए सेवारत चिकित्सक, मरीज बेहाल
कुचामनसिटी. शहर के राजकीय चिकित्सालय में शुक्रवार सुबह सेवारत चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं आए। इससे रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई गंभीर रोगी उपचार के लिए भटकते रहे। अस्पताल का आउटडोर पूरे समय बंद पड़ा रहा। उपचार की आस लेकर आए रोगी निराश लौट रहे थे। हालांकि कुछ नर्सिंगकर्मी जरूर उपचार में लगे हुए थे। इार, रोगियों व तीमारदारों का कहना था कि आए दिन चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से लोगों को काफी परेशानी होती है। गौरतलब है कि सेवारत चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर रहे।
इधर, राज्य कर्मचारियों ने भी किया कार्य बहिष्कार
शहर के सरकारी कार्यालयों में शुक्रवार को राज्य कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर रहे। इससे कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं आमजन को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कर्मचारी सुबह से कार्यालय नहीं आए, जिससे अपने काम को लेकर कार्यालय पहुंचे लोगों को निराश लौटना पड़ा।