नागौर

पास में नहीं धेला, चले लगाने मेला

पत्रिका एक्सक्लूसिव
सवाईसिंह हमीराणा
खींवसर(nagaur). गांवों में न तो आबादी भूमि है और न ही आबादी का विस्तार हुआ है। ऐसे में सरकार और प्रशासन द्वारा आवासीय पट्टे जारी करने के दबाव ने इनदिनों पंचायतीराज विभाग कार्मिकों की नींद उड़ा रखी है। जहां आबादी थी वहां पट्टे पहले ही जारी हो चुके हैं। जहां आवंटित योग्य भूमि है, वहां आबादी के प्रस्ताव तैयार नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में जब पंचायती राज विभाग के नाम भूमि का नामांतरण ही नहीं है तो पट्टे कैसे दे पाएंगे।

नागौरOct 27, 2021 / 06:16 pm

Ravindra Mishra

खींवसर. नए पट्टे जारी नहीं होने से पट्टों के नवीनीकरण से चला रहे काम।


– आबादी विस्तार नहीं फिर भी पट्टा जारी करने का दबाव
– कई गांवों में प्रतिबंधित भूमि तो कई जगह खनिज विभाग मालिक
सरकार की ओर से धरातल की समस्या को समझने की बजाए ग्राम विकास अधिकारियों पर पट्टे जारी करने का लक्ष्य बनाकर दबाव डाला जा रहा है। उपखण्ड क्षेत्र के 92 गांवों में से 37 गांवों में आबादी भूमि ही नहीं है, वहीं 55 गांवों में भी अधिकांश गांवों में आवंटित योग्य भूमि का मालिक खनिज विभाग है। ऐसे में पहले खनिज विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद आबादी भूमि का विस्तार होने के पश्चात ही पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है लेकिन उच्च अधिकारी द्वारा बिना आबादी भूमि के ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में आयोजित हो रहे प्रशासन गांवों के संग शिविर के दौरान 100-100 पट्टे देने का लक्ष्य बनाकर दबाव बनाया जा रहा है। प्रशासन व सरकार के बढ़ते दबाव के चलते ग्राम विकास अधिकारी लक्ष्य को पूरा करने के लिए पट्टों का नवीनीकरण कर रहे हैं जबकि नये पट्टे जारी करने के लिए जमीन ही नहीं है। शिविरों में आबादी विस्तार को लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं होती दिख रही है ऐसे में नए पट्टे कैसे जारी हो यह ग्राम विकास अधिकारियों की समझ के बाहर है।
इन गांवों में एक इंच भी आबादी भूमि नहीं

खींवसर तहसील के गलनी, आंदोलाव, सुखोलाव, श्रीयादे नगर, देवीसागर, झाड़ेली, मोतीनाथपुरा, बामणीयाला, धोलियाडेर, अभयनगर, भोमासर, रामसर, रामदेवनगर, रावों की ढाणी, शिवनाडा, पचारों-बिच्छुओ की ढाणी, दूजासर, शिवपुरा, बैराथलखुर्द, भादुओ की ढाणी, मगरे वाली ढाणी, जोगीनाडा, महेशपुरा, सैनिकनगर, मगरावास, बिश्रोईयों की ढाणी, थांबडिय़ा, हेसाबा, सोवों की ढाणी, हनुमाननगर, जसनाथपुरा, गुलासर, हेमपुरा, पापासनी, बेनीवालों की ढाणी, गोदारो की ढाणी, हनुमानसागर में आबादी की एक इंच भी भूमि नही है।
प्रस्ताव तैयार होता तो मिल जाते पट्टे

अगर इन ग्राम पंचायतों में पहले से ही आबादी भूमि के विस्तार के प्रस्ताव तैयार होते तो शिविर में अधिकारियों द्वारा तत्काल आबादी भूमि का विस्तार करते हुए पट्टे जारी कर दिए जाते, लेकिन राजस्व व पंचायतीराज विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कई पंचायतों में आबादी विस्तार का प्रस्ताव तैयार नहीं हो सके जिससे ग्रामीणों को पट्टों से वंचित रहना पड़ रहा है।
राजस्व विभाग करें नामांतरण

गांवों में आबादी भूमि नहीं होने से प्रशासन गांवों के संग शिविर में नए पट्टे जारी नहीं हो पा रहे हैं। जिन गांवों में आबादी भूमि नहीं है उन गांवों में राजस्व विभाग भूमि पंचायत के नाम नामांतरण करें ताकि आबादी भूमि का विस्तार कर नए पट्टे जारी किए जा सके।
– भंवरराम गोदारा, ब्लॉक अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी संघ, खींवसर

आबादी विस्तार की आवश्यकता

जिन गांवों में आबादी भूमि नहीं है पहले वहां आबादी विस्तार की आवश्यकता है, ताकि लोगों को आवासीय पट्टे देने के साथ उन्हें आवास योजना का फायदा भी मिल सकता है। इसके लिए पहले आबादी भूमि का होना जरूरी है।
– भावेश सुथार, सरपंच, माडपुरा
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