पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले मिर्धा की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे से मुलाकात हो चुकी थी। दिल्ली में ही केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावडेकर से भी मिर्धा की मुलाकात हुई बताई। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
ज्योति मिर्धा 2009 में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर नागौर से चुनाव लडी थीं और चुनाव जीतकर संसद में पहुंची थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उनको कांग्रेस ने नागौर से ही लडवाया था, लेकिन भाजपा प्रत्याशी सी आर चौधरी से वे हार गई थीं। ज्योति मिर्धा कांग्रेस के कदृदावर नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। नाथूराम मिर्धा कांग्रेस के चुनाव चिहृन पर छह बार सांसद बने और कांग्रेस के बडे जाट नेताओं में उनका नाम आता है।
मिर्धा से उनके मोबाइल नम्बर पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
मिर्धा से उनके मोबाइल नम्बर पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
डेढ लाख से जीती, 75 हजार से हारी
ज्योति मिर्धा सबसे पहले 2009 में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाई गई थी। अपने पहले ही चुनाव में मिर्धा नागौर लोकसभा सीट से डेढ लाख से ज्यादा मतों से जीती थी। 2014 के चुनाव में नागौर सीट पर त्रिको णीय मुकाबले में वे करीब 75 हजार वोट से चुनाव हार गई थी।
ज्योति मिर्धा सबसे पहले 2009 में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाई गई थी। अपने पहले ही चुनाव में मिर्धा नागौर लोकसभा सीट से डेढ लाख से ज्यादा मतों से जीती थी। 2014 के चुनाव में नागौर सीट पर त्रिको णीय मुकाबले में वे करीब 75 हजार वोट से चुनाव हार गई थी।
कांग्रेस के टिकट की थी प्रबल दावेदार
ज्योति मिर्धा का नाम कांग्रेस के नागौर पेनल में भी था। लेकिन यहां उनके चाचा रिछपाल मिर्धा सहित कई कांग्रेस नेता उनके टिकट का विरोध कर रहे थे. इसी के चलते एक बार उनका टिकट कटने की संंभावना बनी हुई थी.
ज्योति मिर्धा का नाम कांग्रेस के नागौर पेनल में भी था। लेकिन यहां उनके चाचा रिछपाल मिर्धा सहित कई कांग्रेस नेता उनके टिकट का विरोध कर रहे थे. इसी के चलते एक बार उनका टिकट कटने की संंभावना बनी हुई थी.