जिला कलक्टर सोनी ने एसीएस को खिले पत्र में पंचायती राज से नागौर की पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि यदि जिला मुख्यालय पर पंचायती राज शोध केन्द्र की स्थापना की जाती है तो इस स्थान का महत्व और बढ़ेगा। साथ ही साथ नागौर जिले में पर्यटन विकास को पंख लगेंगे और जिले व राज्य की ग्राम स्वशासन के लिहाज से विशिष्ट पहचान बनेगी। इस शोध संस्थान के माध्यम से पंचायती राज के विभिन्न पूर्व व वर्तमान निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अनुभवों के आदान प्रदान से सभी को लाभ मिलेगा। इसके साथ जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी समय-समय पर शोध केन्द्र की
हमारा प्रयास है कि नागौर में पंचायती राज शोध केन्द्र खुले, ताकि देश में कहीं भी बैठा व्यक्ति यदि पंचायती राज से सम्बन्धित कोई शोध या प्रशिक्षण लेना चाहे तो उसके सामने सबसे पहला नाम नागौर का आए। पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था का शुभारम्भ नागौर से हुआ है। पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी कई यादें और आयोजन नागौर में हुए हैं, इसलिए नागौर डिजर्व भी करता है।
– डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर, नागौर