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नागौर में पंचायती राज शोध संस्थान खोलने का सपना हो सकता है सच, जानिए क्यों जगी है उम्मीद

locationनागौरPublished: Dec 03, 2020 10:14:46 am

Submitted by:

shyam choudhary

जिला कलक्टर ने एसीएस को लिखा पत्र, पत्र में किया पंचायतीराज की स्थापना व जिला परिषद द्वारा लिए गए प्रस्ताव का जिक्र- पंचायतीराज स्थापना का गवाह है नागौर, पंचायती राज स्मारक के नाम है 4.66 बीघा जमीन

Panchayati Raj Research Institute

Dream of Panchayati Raj Research Institute in Nagaur may come true

नागौर. पंचायती राज व्यवस्था के शुभारम्भ का गवाह बने नागौर जिले में 61 साल बाद पंचायती राज शोध केन्द्र/शोध संस्थान खुलने का सपना सच हो सकता है। हालांकि जिले में पंचायती राज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की मांग पिछले दो साल से उठ रही है, लेकिन पहली बार जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इसको गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह को पत्र लिखा है। कलक्टर द्वारा लिखे गए पत्र के बाद उम्मीद की किरण जगी है।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने नागौर पत्रिका के एक दिसम्बर के अंक में ‘मयूजियम भवन बना, लेकिन पंचातीय राज स्मारक का ख्वाब आज भी अधूरा’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया, जिस पर जिला कलक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पंचायती राज स्मारक से जुड़ी फाइलें मंगवाकर सम्पूर्ण जानकारी जुआई और स्मारक का काम पूरा करवाने के साथ यहां पंचायती राज शोध केन्द्र/शोध संस्थान खोलने की स्वीकृति एवं बजट के लिए पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया है।
पत्र में मजबूती से रखा नागौर का पक्ष
जिला कलक्टर सोनी ने एसीएस को खिले पत्र में पंचायती राज से नागौर की पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि यदि जिला मुख्यालय पर पंचायती राज शोध केन्द्र की स्थापना की जाती है तो इस स्थान का महत्व और बढ़ेगा। साथ ही साथ नागौर जिले में पर्यटन विकास को पंख लगेंगे और जिले व राज्य की ग्राम स्वशासन के लिहाज से विशिष्ट पहचान बनेगी। इस शोध संस्थान के माध्यम से पंचायती राज के विभिन्न पूर्व व वर्तमान निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अनुभवों के आदान प्रदान से सभी को लाभ मिलेगा। इसके साथ जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी समय-समय पर शोध केन्द्र की
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नागौर डिजर्व करता है
हमारा प्रयास है कि नागौर में पंचायती राज शोध केन्द्र खुले, ताकि देश में कहीं भी बैठा व्यक्ति यदि पंचायती राज से सम्बन्धित कोई शोध या प्रशिक्षण लेना चाहे तो उसके सामने सबसे पहला नाम नागौर का आए। पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था का शुभारम्भ नागौर से हुआ है। पंचायती राज व्यवस्था से जुड़ी कई यादें और आयोजन नागौर में हुए हैं, इसलिए नागौर डिजर्व भी करता है।
– डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर, नागौर
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