गौरतलब है कि जिले में डीएसटी का गठन करीब एक साल पहले हो गया था, लेकिन करीब नौ महीने तक यह टीम सुस्त रही। नागौर में ज्वाइन करने के बाद एसपी श्वेता धनखड़ ने डीएसटी के माध्यम से कुछ कार्रवाई करवानी चाही, लेकिन टीम उनके विश्वास पर खरी नहीं उतरी। इस पर एसपी ने एसआई वीडी शर्मा को डीएसटी का प्रभारी बनाया तथा टीम में ऐसे सदस्यों को शामिल किया, जो उनके विश्वासपात्र थे। इसके बाद डीएसटी ने 28 नवम्बर को पांचौड़ी थाना क्षेत्र से कार्रवाई शुरू की। डीएसटी की अधिकतर कार्रवाइयां एसपी के सीक्रेट टास्क पर आधारित हुई, यानी जिले में अवैध गतिविधि की जानकारी सीधी एसपी के पास आई तो उन्होंने डीएसटी के माध्यम से कार्रवाई करवाई।
डीएसटी ने सबसे अधिक कार्रवाई अवैध शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ की है। इसके साथ डेगाना, रियां, पादूकलां, थांवला, खाटू आदि थाना क्षेत्र में होने वाले बजरी के अवैध परिवहन के खिलाफ भी टीम ने एक दर्जन से अधिक कार्रवाई कर 27 डम्पर व ट्रेलर जब्त किए। स्वभाविक है कि यह गोरखधंधा पिछले लम्बे समय से चल रहा था, लेकिन स्थानीय थाना पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं समझा, जिस पर एसपी को डीएसटी के माध्यम से कार्रवाई करवानी पड़ी।
डीएसटी प्रभारी शर्मा ने बताया कि कई बार उन्हें कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 24 घंटे से भी अधिक लगातार ड्यूटी करनी पड़ी। डेगाना में 30 नवम्बर को लगातार 24 घंटे तक कार्रवाई कर अवैध बजरी के 10 डम्पर व ट्रेलर जब्त किए। इसी प्रकार होटलों पर बिकने वाली अवैध शराब व अफीम-डोडा पोस्त को पकडऩे के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी।
टीम ने 9 दिसम्बर को कोतवाली थाना क्षेत्र में तीन जनों को गिरफ्तार कर 4 अवैध देसी पिस्टल जब्त की। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने नागौर सहित प्रदेश के अन्य थाना क्षेत्रों में 49 अवैध हथियार सप्लाई किए हैं। पुलिस उसके आधार पर अन्य अपराधियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
नागौर में ज्वाइन करने के बाद मैंने देखा कि जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) सुस्त थी, जिसको सक्रिय करने का प्रयास किया, लेकिन परिणाम नहीं मिला। कई बार टीम को भेजा भी, लेकिन दमदार कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके बाद मैंने डीएसटी का स्टाफ बदला और सलेक्टेट पुलिसकर्मियों को शामिल किया। पुलिस लाइन के एसआई वीडी शर्मा को टीम का प्रभारी बनाया। बदलाव का असर भी सामने आया, पिछले डेढ़ महीने में टीम ने बहुत अच्छा काम किया है। हमारा प्रयास रहेगा कि कार्रवाई जारी रहे, ताकि अपराधों पर अंकुश लगे।
– श्वेता धनखड़, पुलिस अधीक्षक, नागौर