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कान, नाक व गले के रोगियों को नहीं होना पड़ेगा परेशान

locationनागौरPublished: Jan 01, 2018 06:55:43 pm

Submitted by:

shyam choudhary

सेठ गनपतराय सरावगी राजकीय अस्पताल में कान, नाक व गले से संबंधित रोगियों को अब उपचार करवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

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लाडनूं. कस्बे के सेठ गनपतराय सरावगी राजकीय अस्पताल में कान, नाक व गले से संबंधित रोगियों को अब उपचार करवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अस्पताल में नाक, कान रोग विशेषज्ञ डॉ. ईशिका वशिष्ठ को लगाया गया है। उन्होंने अस्पताल में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। जानकारी के अनुसार अस्पताल में कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण रोगियों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों या फिर अन्य जाना पड़ता था। ऐसे में रोगियों को परेशानी के साथ-साथ आर्थिक रूप से चपत भी लग रही थी। वहीं अस्पताल में चिकित्सक की संख्या बढऩे से रोगियों के साथ-साथ चिकित्सकों को भी राहत मिलेगी। लम्बे समय से अस्पताल में ईएनटी रोग विशेषज्ञ लगाने की मांग कस्बेवाशियों की ओर से की जा रही थी। वर्षों बीतने के बाद यहां पर ईएनटी रोग विशेषज्ञ लगाए जाने से रोगियों ने राहत की सांस ली है।
अभी भी आधे से ज्यादा पद रिक्त
जानकारी के अनुसार अस्पताल में चिकित्सकों के कुल ३२ पद स्वीकृत है। इनसे से चिकित्सकों के १५ पद ही भरे हुए हैं। १७ पद अभी भी रिक्त पड़े हुए हैं। चिकित्सकों की कमी के चलते कईबार रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सोनोलॉजिस्ट लगाने की भी दरकार

अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन का भी रोगियों को पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। सोनोग्राफी मशीन को संचालित करने के लिए सोनोलॉजिस्ट का पद रिक्त पड़ा हुआ है। हांलाकि प्रसवकालीन महिलाओं व इमरजेंसी के समय एक चिकित्सक की ओर से सोनोग्राफी की जाती है। लेकिन अधिकांश समय सोनोग्राफी कक्ष के ताला लटका रहता है।
इनका कहना है
अस्पताल में ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. ईशिका वशिष्ठ को लगाया गया है। उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विशेषज्ञ चिकित्सक लगाए जाने से कान, नाक व गले के रोगियों को लाभ मिल सकेगा।
डॉ. भगवान सिंह, पीएमओ, राजकीय अस्पताल, लाडनूं , नागौर.

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