नागौरPublished: Dec 11, 2017 09:58:28 pm
Dharmendra gaur
बजरी लीजधारकों पर अवैध वसूली का आरोप , जिला कलक्टर से मिले ट्रक ऑपरेटर्स , कोर्ट के आदेश की हो रही अवहेलना
illegal gravel mining in nagaur
नागौर. ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वैलफेयर सोसायटी ने जिले के मेड़ता में बजरी लीजधारकों द्वारा की जा रही अवैध वसूली को लेकर सोमवार को कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कलक्ट्रेट पहुंचे ट्रक ऑपरेटर्स ने ज्ञापन में लिखा है कि मेड़ता व रियां बड़ी व आसपास के क्षेत्र में बजरी की छोटी छोटी लीजों का संचालन किया जा रहा है। सर्वाच्च न्यायालय के 16 नवम्बर 2017 के बजरी खनन पर रोक के आदेश के बावजूद नागौर के मेड़ता व रियां बड़ी व बीकानेर में बजरी लीजों से बजरी खनन जारी है।
राजस्व को लगा रहे चूना
मेड़ता के बजरी लीज धारक ट्रकों से मनमर्जी की दरों पर बजरी के रूपए वसूल रहे हैं। लीज धारक रसीद पर 70 रुपए प्रति टन की दर अंकित कर रहे हैं जबकि ट्रकों से 500 रुपए प्रति टन की दर से वसूल किए जा रहे हैं। ट्रकों के ई रवन्ना परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत ट्रकों के भार के अनुसार ही जारी किए जा रहे हैं लेकिन मौके पर ट्रकों में क्षमता से अधिक बजरी भरवाई जा रही है। उसी के अनुरूप रुपए लिए जा रहे हैं लेकिन रसीद नहीं देकर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। ट्रक ऑपरेटर्स ने मांग की है कि अवैध खनन पर ठोस कार्रवाई की जाए।
जिम्मेदार नहीं करते कार्रवाई
ज्ञापन में लिखा है कि छह ट्रक में अधिकतम 9 टन बजरी भरवाई जा सकती है लेकिन लीजधारक 20 टन तक बजरी भरवाकर सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऑपरेटर्स का कहना है कि मेड़ता में संचालित लीज 2 से 3 हैक्टेयर की है जबकि लीजधारक गौचर व सिवायचक भूमि में भी बजरी खनन कर राजस्व का नुकसान कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों, पुलिस को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। अधिकारी अवैध खनन की अपरोक्ष रूप से स्वीकृति देकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।