नागौर में बीस प्रतिशत बढ़ा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन
नई दिल्लीPublished: Dec 21, 2016 08:41:00 pm
नोटबंदी के बाद जिले में करीब 20 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन बढ़ गया है। वहीं करीब दस हजार से अधिक खाताधारकों ने मोबाइल बैंकिंग की सुविधा अपना ली है।
इनमें से एक चौथाई लोग इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े हैं। बैंक में कैश जमा करवाने और निकालने के दौरान बैंककर्मी भी अब खाताधारकों को मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने की सलाह दे रहे हैंं। इससे प्रतिदिन मोबाइल बैंकिंग के ग्राहक बढ़ रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के साथ स्वाइपिंग मशीनों से भुगतान बढ़ रहा है।
कैसे करवाएं रजिस्ट्रेशन
बैंक अधिकारियों ने बताया कि बैंक और एटीएम के बाहर कतार लगी होने के कारण मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक परेशान है। लम्बी कतारों के चलते ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत आ रही है। कुछ लोग डिजिटल बैंकिंग से जुडऩा चाहते हैं, लेकिन कतार के कारण बैंकों में नहीं पहुंच पा रहे हैं।
30 दिन में बैंकों ने जारी की स्वाइप मशीनें
5 लाख यूजर्स जुड़े हैं, यूनिफाइड पेंमेंट इंटरफेस से
500 के नए नोट इस सप्ताह तक आ सकते हैं
डिजिटल बैंकिंग से फायदा ही फायदा
40 रुपए का खर्चा आता है बैंक शाखा से लेन-देन करने पर
9 रुपए खर्च होते हैं एटीएम से राशि निकालने पर
13 रुपए खर्च होते हैं ग्राहक सेेवा केन्द्र से लेन-देन पर
50 पैसे का खर्च आता है डिजिटल बैंकिंग से
12 करोड़ लोग देश में इस्तेमाल कर रहे हैं डिजिटल बैंकिंग
15 फीसदी की दर से बढ़ रहा ई-ट्रांजेक्शन
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नोटबंदी के 42 दिन बाद मिले पांच सौ के नए नोट
नोटबंदी के करीब 42 दिन बाद मंगलवार को नागौर शहर के बैंकों में पांच सौ के नए नोट मिलना शुरू हो गए। इससे लम्बे समय से खुल्लों की समस्या से जूझ रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली। हालांकि इसके बावजूद अधिकतर एटीएम कैश के बिना खाली रहे। बैंक सूत्रों के मुताबिक करीब 15 करोड़ का कैश आया था, जो मंगलवार को बैंकों में वितरित कर दिया गया। बैंकों के बाहर लोगों की कतार लगी रही। वहीं कलक्ट्रेट के नजदीक स्थित एसबीबीजे के एक एटीएम में दोपहर को कैश खत्म हो गया। वहीं दूसरे एटीएम में तकनीकी खराबी आ गई। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। एटीएम में कैश नहीं होने के बावजूद लोग कतार में बैठे रहे। शाम को कैश डालने के बाद एटीएम से राशि की निकासी शुरू हुई। इससे पहले गांधी चौक स्थित एसबीबीजे व एसबीआई के बाहर ग्राहकों की लम्बी लाइनें लगी रही।
सोमवार को करीब 15 करोड़ का कैश आया था, जो बैंकों में वितरित कर दिया है। इससे मंगलवार को बैंकों में कैश की उपलब्धता रही। लोग डिजिटल बैंकिंग से भी जुडऩे लगे हैं।
– दीपेश माथुर, सहायक अग्रणी जिला प्रबंधक, नागौर