पांच ठेकेदार नामजद, सात करोड़ का गबन
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जिले में डेयरी बूथों तक रोजाना दूध परिवहन कर इसके बदले राशि उठाने वाले पांच ठेकेदार नामजद हुए हैं। करीब दो साल तक ये नागौर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में एकत्र राशि जमा कराने के बजाय खुद ही अपनी जेबें भरने में लगे रहे। अप्रेल में पकड़ी गई चोरी पर अब जाकर परिवाद दर्ज हुआ है। इन पांचों आरोपियों का ठेका रद्द कर दिया गया और इन पर सात करोड़ का बकाया है। जिले के ग्यारह मार्ग पर चलने वाली गाडिय़ां पांच ठेकेदारों के माध्यम से संचालित होती हैं। ये बूथों पर दूध परिवहन कर रोजाना राशि एकत्र करते हैं। यही राशि दूसरे दिन संघ में जमा करानी होती है, लेकिन वर्ष 2019-20 और 2020-21 में इन पांचों ठेकेदार फर्म की ओर से परिवहन-राशि संग्रहण का काम तो बदस्तूर रहा पर राशि जमा कराने में बड़े स्तर पर घपलेबाजी होती रही।
नोटिस पर नहीं दिया ध्यान सूत्र बताते हैं कि बागड़ी ने इन पांचों ठेकेदारों को नोटिस पर नोटिस जारी किए, लेकिन न जवाब मिले न रकम जमा हुई। ठेकेदार रामचंद्र चौधरी पर करीब 67 लाख, लीला ट्रेडर्स के मालाराम पर एक करोड़ 32 लाख, विजय चौधरी पर करीब दो करोड़ 79 लाख, श्रीबालाजी एंटरप्राइजेज के रामनिवास चौधरी पर एक करोड़ 79 लाख और राजूराम पर करीब तीस लाख रुपए बकाया हैं। इनको नोटिस जारी कर रकम जमा कराने को बार-बार कहा जाने लगा तो ये सारे भाग छूटे, ऐसे में अस्थाई रूप से दूध परिवहन के लिए अन्य गाडिय़ां लगाई गईं।
इनका कहना मामले की जल्द से जल्द कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। परिवहन के लिए टेंडर चल रहे हैं। -मदनलाल बागड़ी, कार्यवाहक प्रबंध संचालक, नागौर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड नागौर
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००० इस संबंध में परिवाद की जांच चल रही है। जल्द से जल्द कार्रवाई की जा रही है।
-बृजेंद्र सिंह, थाना प्रभारी, कोतवाली नागौर