बच्चों की छुट्टियां है जयपुर जाना है परिवहन विभाग के पास आए एक आवेदन में यह दर्शाया गया है कि बच्चों के छुटिटयां है इसलिए जयपुर जाना है। इसी तरह किसी ने बताया कि अजमेर से उपचार ले रहा हूं इसलिए दवाइयां लेने जाना है। एक ने बताया कि ननिहाल में सादा समारोह है इसलिए परिवार सहित जाना चाहता हूं। इस तरह के अन्य कारणों को दर्शाते हुए आ रहे आवेदनों का ढेर लग रहा है।
मंसूबों पर फिर रहा पानी अधिकारियों की मुस्तैदी से आपातकालीन अनुमति की आड़ में घूमने की चाह रखने वाले वाहन मालिकों के मंसूबों पर पानी फिर रहा है। हालांकि इमरजेंसी दर्शाते हुए कई लोग आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी पूरी छानबीन के बाद ही अनुमति जारी कर रहे हैं। जांच के दौरान इन कारणों की धज्जियां उड़ जाती है। बिना इमरजेंसी वाले कारणों के साथ आवेदन करने वालों की छंटनी हो रही है।
अकारण की इमरजेंसी के आवेदन खारिज कोरोना वायरस के प्रकोप को दखते हुए राज्य में परिवहन सेवा पूरी तरह से बंद है। सार्वजनिक परिवहन सेवा एवं निजी वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगाई है, लेकिन आपातकालीन अनुमति की आड़ में कुछ लोग वाहन संचालन का बहाना ढूंढ रहे हैं। परिवहन अधिकारी बताते हैं कि इमरजेंसी का कारण उचित होने पर अनुमति दी जा रही है, लेकिन अकारण ही इमरजेंसी बताने पर आवेदन खारिज कर रहे हैं।
लॉक डाउन का मतलब समझना चाहिए… लोगों को अकारण ही इमरजेंसी का बहाना नहीं करते हुए लॉक डाउन का मतलब समझना चाहिए। यह अपनी व अपनों की हिफाजत के लिए ही है। इमरजेंसी के बहाने आवेदन करना गलत है। इससे सरकारी मशीनरी को भी समस्या हो रही है। वास्तविक रूप से इमरजेंसी है तो आवेदन किया जा सकता है, अन्यथा बचना चाहिए।
– ओमप्रकाश चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर