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बजट में नागौर के लिए खूब हुई घोषणाएं, क्रियान्विति पर संशय

locationनागौरPublished: Feb 25, 2021 10:42:42 am

Submitted by:

shyam choudhary

मुख्यमंत्री ने नागौर जिले को शिक्षा, चिकित्सा, कृषि एवं उद्योग सहित हर क्षेत्र में कुछ न कुछ दिया- पुरानी घोषणाएं पूरी नहीं हुई, नई पर कैसे करें विश्वास

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नागौर. केन्द्रीय बजट में पूरी तरह उपेक्षित रहे नागौर जिले को राज्य बजट से कई सौगातें मिली हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर वर्ग व हर क्षेत्र को कुछ न कुछ देने का प्रयास किया है। खासकर शिक्षा, चिकित्सा एवं कृषि क्षेत्र को बड़ी सौगातें दी गई हैं। पहली बार जिले को इतनी सौगातें दी गई हैं कि अब क्रियान्विति पर संशय होने लगा है, क्योंकि गत दो बजट में की गई कई घोषणाएं आज भी अधूरी हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कुचामन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोलने की घोषणा की है, जबकि पिछले साल की गई अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय खोलने की घोषणा आज भी अधूरी है। इसी प्रकार मेड़ता में वसुंधरा सरकार द्वारा की गई एएसपी कार्यालय खोलने की घोषणा चार साल बाद भी अधूरी है।
कॉलेज के साथ मिले स्टाफ
कुचेरा, मेड़ता सिटी, लाडनूं में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई हैं, जबकि पूर्व में खोली गई खींवसर, मंगलाना, डेगाना सहित अन्य कॉलेजों में आज भी पूरा स्टाफ नहीं है। ऐसे में नए महाविद्यालयों में बिना स्टाफ उच्च शिक्षा की केवल खानापूर्ति ही हो पाएगी।
मंडी शुल्क में छूट से मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री ने मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया है, साथ ही तिलहन पर एक प्रतिशत से घटाकर 0.75 प्रतिशत किया गया है। वहीं पिछले साल खुद कांग्रेस सरकार द्वारा लगाया गया कृषक कल्याण शुल्क कम किया है। मुख्यमंत्री ने तिलहन, गुड़, चीनी, इमारती लकड़ी, देशी घी एवं अन्य जिंसों पर जौ, उड़द, मूंग पर कृषक कल्याण शुल्क एक प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत किया है। वहीं फल-सब्जी पर 2 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। इससे किसानों व व्यापारियों को लाभ मिलेगा। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर आवश्यकता भी जताई थी।
इनकी आस रही अधूरी
हालांकि मुख्यमंत्री ने जिले को काफी सौगातें दी हैं, लेकिन फिर भी कई उम्मीदें ऐसी हैं, जिनका नागौर की जनता पिछले काफी समय से इंतजार कर रही थी। इसमें नावां-मकराना-पुष्कर पर्यटन सर्किट, जिला मुख्यालय पर पंचायतीराज शोध संस्थान खोलने, मूण्डवा में उपखंड कार्यालय, डीडवाना या कुचामन को जिला घोषित करने की मांगें अधूरी रह गईं।
बजट में नागौर जिले को ये मिली सौगातें

चिकित्सा :

शिक्षा :

खेलकूद :

कृषि एवं उद्योग

पशुपालन :

सडक़-शहरी विकास :

पेयजल :
वन एवं पर्यावरण :

पर्यटन :

कानून व्यवस्था :

प्रशासन :

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