कुचेरा, मेड़ता सिटी, लाडनूं में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई हैं, जबकि पूर्व में खोली गई खींवसर, मंगलाना, डेगाना सहित अन्य कॉलेजों में आज भी पूरा स्टाफ नहीं है। ऐसे में नए महाविद्यालयों में बिना स्टाफ उच्च शिक्षा की केवल खानापूर्ति ही हो पाएगी।
मुख्यमंत्री ने मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया है, साथ ही तिलहन पर एक प्रतिशत से घटाकर 0.75 प्रतिशत किया गया है। वहीं पिछले साल खुद कांग्रेस सरकार द्वारा लगाया गया कृषक कल्याण शुल्क कम किया है। मुख्यमंत्री ने तिलहन, गुड़, चीनी, इमारती लकड़ी, देशी घी एवं अन्य जिंसों पर जौ, उड़द, मूंग पर कृषक कल्याण शुल्क एक प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत किया है। वहीं फल-सब्जी पर 2 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। इससे किसानों व व्यापारियों को लाभ मिलेगा। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर आवश्यकता भी जताई थी।
हालांकि मुख्यमंत्री ने जिले को काफी सौगातें दी हैं, लेकिन फिर भी कई उम्मीदें ऐसी हैं, जिनका नागौर की जनता पिछले काफी समय से इंतजार कर रही थी। इसमें नावां-मकराना-पुष्कर पर्यटन सर्किट, जिला मुख्यालय पर पंचायतीराज शोध संस्थान खोलने, मूण्डवा में उपखंड कार्यालय, डीडवाना या कुचामन को जिला घोषित करने की मांगें अधूरी रह गईं।