राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने वर्ष 2017 के खरनाल मेले के दौरान एक दिन के लिए पैनोरमा को दर्शकों के लिए खुलवाया था। हालांकि उस दौरान लखावत ने कहा कि लोगों के सुझाव लेने एवं कमियों को पूरा करने के लिए पैनोरमा खुलवाया है, ताकि जल्द ही कमियां पूरी कर उद्घाटन किया जा सके, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद सरकार उद्घाटन नहीं कर पाई।
गत वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गौरव यात्रा के दौरान नागौर जिले में आई थी। उस समय विभागीय अधिकारियों ने लोक देवता वीर तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल में बनकर तैयार पैनोरमा का उद्घाटन कराने के लिए 27 सितम्बर 2018 की तिथि का शिलापट्ट भी तैयार करवाया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा समय नहीं देने के कारण शिलापट्ट बंद कमरे में धरा रह गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग 65 से वीर तेजाजी के पैनोरमा तक जाने वाले रास्ते पर बनाया गया प्रवेश द्वार बुधवार रात को आए अंधड़ में गिरकर धराशायी हो गया। भाजपा सरकार ने प्रवेश द्वार में लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते ठेकेदार ने निर्माण कार्य में जमकर धांधली की, जिसके कारण प्रवेश द्वार पहली आंधी को भी सहन नहीं कर पाया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पांच साल में तेजाजी के पैनोरमा का उद्घाटन नहीं कर पाई।
– प्रेमसुख जाजड़ा, पूर्व अध्यक्ष, वीर तेजाजी जन्मस्थली संस्थान, खरनाल