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उद्घाटन से पहले ही धराशायी हुआ वीर तेजाजी पैनोरमा का प्रवेश द्वार

locationनागौरPublished: May 16, 2019 08:55:26 pm

Submitted by:

shyam choudhary

अंधड़ में कांच की तरह बिखर गया लाखों रुपए से बना छीतर के पत्थर का प्रवेश द्वारदो साल से उद्घाटन की बाट जोह रहा है खरनाल स्थित वीर तेजाजी का पैनोरमा

Entrance to the Veer Tejaji Panorama

Entrance gate of Veer Tejaji Panorama dashed before the inauguration

नागौर. जिले में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने एवं हमारे गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने के लिए राजस्थान धरोहर सरंक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से खरनाल में बनवाए गए वीर तेजाजी के पैनोरमा का प्रवेश द्वार उद्घाटन से पहले ही बुधवार रात को आए अंधड़ में धराशायी होकर कांच की तरह बिखर गया। लाखों रुपए की लागत से बनाए गए पैनोरमा के प्रवेश द्वार में जोधपुर में निकलने वाला छीतर का पत्थर उपयोग लिया गया था, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी व ठेकेदार की लापरवाही से बने प्रवेश द्वार के पत्थर आंधी में नीचे गिरकर कांच की तरह टुकड़े-टुकड़े हो गया।
गुरुवार सुबह वीर तेजाजी जन्मस्थली संस्थान खरनाल के पदाधिकारियों व ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली तो संस्थान के अध्यक्ष सुखराम खुडख़ुडिय़ा व पूर्व अध्यक्ष प्रेमसुख जाजड़ा मौके पर पहुंचे तथा ठेकेदार की लापरवाही पर रोष जताया। अध्यक्ष खुडख़ुडिय़ा ने कहा कि निर्माण कार्य की जांच होनी चाहिए तथा सरकार को जल्द से जल्द प्रवेश द्वार का दुबारा निर्माण कार्य शुरू करवाना चाहिए, ताकि खरनाल मेले से पूर्व काम पूरा हो जाए।
गौरतलब है कि वर्ष 2003 से 08 तक के कार्यकाल में पैनोरमा का निर्माण शुरू करवा चुकी भाजपा सरकार ने वर्ष 2013 में सत्ता में आने के बाद तीन साल तक यही ढोल पीटा कि कांग्रेस ने काम नहीं करवाया, जबकि खुद भाजपा ने दूसरे कार्यकाल के पांच साल निकाल दिए, लेकिन वीर तेजाजी का पैनोरमा आज भी आमजन व पर्यटकों के लिए नहीं खुल पाया है। हालांकि वर्ष 2017 में खरनाल मेले के दौरान अस्थाई तौर पर पैनोरमा को खोला गया था, लेकिन उद्घाटन नहीं होने के कारण पैनोरमा आज भी बंद पड़ा है।
दो साल पहले खोला था पैनोरमा
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने वर्ष 2017 के खरनाल मेले के दौरान एक दिन के लिए पैनोरमा को दर्शकों के लिए खुलवाया था। हालांकि उस दौरान लखावत ने कहा कि लोगों के सुझाव लेने एवं कमियों को पूरा करने के लिए पैनोरमा खुलवाया है, ताकि जल्द ही कमियां पूरी कर उद्घाटन किया जा सके, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद सरकार उद्घाटन नहीं कर पाई।
कार्यालय में धरा रह गया शिलापट्ट
गत वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गौरव यात्रा के दौरान नागौर जिले में आई थी। उस समय विभागीय अधिकारियों ने लोक देवता वीर तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल में बनकर तैयार पैनोरमा का उद्घाटन कराने के लिए 27 सितम्बर 2018 की तिथि का शिलापट्ट भी तैयार करवाया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा समय नहीं देने के कारण शिलापट्ट बंद कमरे में धरा रह गया।
घटिया निर्माण बना मुख्य वजह
राष्ट्रीय राजमार्ग 65 से वीर तेजाजी के पैनोरमा तक जाने वाले रास्ते पर बनाया गया प्रवेश द्वार बुधवार रात को आए अंधड़ में गिरकर धराशायी हो गया। भाजपा सरकार ने प्रवेश द्वार में लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते ठेकेदार ने निर्माण कार्य में जमकर धांधली की, जिसके कारण प्रवेश द्वार पहली आंधी को भी सहन नहीं कर पाया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पांच साल में तेजाजी के पैनोरमा का उद्घाटन नहीं कर पाई।
– प्रेमसुख जाजड़ा, पूर्व अध्यक्ष, वीर तेजाजी जन्मस्थली संस्थान, खरनाल
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