सूत्रों के अनुसार गत एक जून को पट्टा बनाने की एवज में 35 हजार की घूस लेते भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) दलाल गुलामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया पर हर नारायण हाथ नहीं आया। तब से आईओ कंचन भाटी मामले की जांच कर रही हैं। हर नारायण की तलाश में कई जगह दबिश भी दी, लेकिन वो हाथ नहीं आया। दलाल गुलामुद्दीन के अलावा अन्य तरीकों से मिले सुराग के आधार पर भाटी नागौर आकर कुछ लोगों से पूछताछ कर चुकी हैं, पट्टे संबंधी कार्य की प्रक्रिया के लिए उन्होंने नगर परिषद के कार्मिक को अजमेर भी बुलाया। कंचन भाटी का कहना है कि हर नारायण की तलाश की जा रही है। मामले की जांच/दिशा उसकी गिरफ्तारी के बाद ही आगे बढ़ेगी।
गौरतलब है कि तीस मई को नागौर एसीबी के सीआई मोहन सिंह को शिकायत मिली थी कि परिवादी की ताई के नाम से पट्टा बनाने की एवज में नगर परिषद का कनिष्ठ सहायक हरनारायण गौड 35 हजार रुपए मांग रहा है। उसी दिन शिकायत सत्यापित करा ली गई। एक जून को दलाल तो हत्थे चढ़ा, लेकिन हर नारायण भाग छूटा।
सुरेश के लिए अभियोजन स्वीकृति का इंतजार तकरीबन पांच माह पहले 23 मार्च को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्यालय के कनिष्ठ सहायक सुरेश कुमार नायक (33) को उसके साथी दलाल वीरेंद्र सांगवा के साथ 94 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था, बाद में पूनाराम भी पकड़ में आ गया। करीब दो माह पहले एसीबी जोधपुर के आईओ रूपसिंह चारण ने सुरेश के लिए अभियोजन स्वीकृति का पत्र जिला परिषद सीईओ हीरालाल मीणा को लिखा। उसके बाद से इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। परिषद के जिम्मेदार कोई मीटिंग पर निर्णय लेते समय दस्तावेजों के साथ चारण को भी बुलवाएंगे, लेकिन चारण को इस बाबत अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं। चारण ने बताया कि अभियोजन स्वीकृति के बाद ही मामले की प्रोग्रेस तय होगी।