नागौर

प्रदेश में तानाशाही व्यवस्था से हर वर्ग दु:खी

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नागौरSep 13, 2018 / 07:02 pm

Sharad Shukla

प्रदेश में तानाशाही व्यवस्था से हर वर्ग दु:खी

नागौर/खींवसर. पचपदरा से 22 सितम्बर को शुरू होने वाली स्वाभिमान रैली को लेकर खींवसर आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल के पुत्र एवं शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने बिना किसी का नाम लिए सरकार की व्यवस्था पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि चार साल से राजपूत सहित सभी समाज को पीड़ा मिली है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में तानाशाही व्यवस्था से दु:खी है और इसके लिए स्वाभिमान रैली का आयोजन कर रहे है। विधायक सिंह बुधवार को खींवसर के अम्बेडकर जनसुनवाई केन्द्र में सर्व समाज संघर्ष समिति के अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान विधायक जसोल ने कहा कि चार साल से सोए स्वाभिमान को जगाने के लिए वह रैली कर रहे हैं और इसकी हुंकार दिल्ली तक पहुंचानी है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि चार वर्ष में जो अत्याचार एवं अन्याय हुए हंै उसे प्रदेश में कोई सुनने वाला नहीं है लेकिन अब अत्याचार एवं अन्याय नहीं सहेंगे। इसके लिए सर्व समाज में स्वाभिमान जगाने के लिए अलख रूपी रैली की जा रही है। उन्होंने मौजूद लोगों को रैली में आने का निमंत्रण दिया।
सरकार कर रही समाज को कुचलने का प्रयास
समारोह को सम्बोधित करते हुए मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमानसिंह खांगटा ने कहा कि सरकार ने समाज को कुचलने के लिए कई प्रयत्न कर समाज के लिए लडऩे वाले नेताओं को झूठे मुकदमे में फंसाने का अभियान चला रखा है। जिससे प्रदेश की जनता में हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालात यह है कि प्रजातंत्र में विरोध स्वरूप काले झण्डे तक भी दिखाने का अधिकार नहीं रखा जो इससे अधिक दुर्भाग्य की बात क्या होगी। इस दौरान पुष्कर के राज ऋषि संत समताराम ने प्रदेश में शांति की जरूरत बताते हुए कहा कि वर्तमान में प्रत्येक जाति वर्ग के लोग समस्याओं से ग्रसित है।
तानाशाही व अराजकता का माहौल
इस दौरान समारोह को सम्बोधित करते हुए दलित एवं किसान नेता दुर्गसिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मानवतावादी नहीं होकर प्रदेश में तानाशाही एवं अराजकता प्रवृत्ति का माहौल बना दिया है। इससे पूरे प्रदेश में अशांति का माहौल है। उन्होंने कहा कि गरीबों, दलितों, मजदूरों एवं किसानों पर लगातार अत्याचार बढ़े हैं। न्याय के लिए दलित दर-दर की ठोकरें खा रहे है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के सदस्य हैं लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट भी मिलता है तो वह स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अब मान सम्मान की लड़ाई शुरू हो चुकी है ऐसे में वह कोई अन्य विकल्प ढूंढेंगे जिससे सर्व समाज को न्याय दिलाने के साथ उनके हकों के लिए लड़ सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक के बाद एक गम्भीर प्रकरण हो रहे हैं लेकिन इस राज में किसी की सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुराज की स्थापना के लिए लड़ाई लडऩी होगी।
जताया विरोध
इस दौरान सभा में माधव सिंह उदट, श्यामसुन्दर शर्मा, सीताराम मेघवाल, देवीसिंह बडावरा, अखेसिंह पांचला, पूर्व सरपंच सीताराम भाटी ने युवा नेता दुर्गसिंह खींवसर पर सरकार द्वारा षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाने का विरोध जताया। समारोह में तुलसीराम माली, मनछाराम देवासी, अंबालाल वैष्णव, श्यामसुन्दर शर्मा, गिरधारीसिंह चारण, गजेसिंह धदवाड़ा, पूरण सिंह रावणा राजपूत, मूलसिंह एडवोकेट, महेन्द्र मेघवाल, नथुराम नायक, छोटूसिंह बिरलोका, हनुमान सिंह आकला सहित कई जनों ने सम्बोधित किया।

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