नागौर

हर कोई इस चमत्कार को देखकर रह गया दंग

चौथी की छात्रा को दिला दी पांचवीं बोर्ड की परीक्षा-निजी स्कूल में अध्ययनरत छात्रा को मदरसे में पांचवी की दिखाते हुए बोर्ड परीक्षा भी दिला दी गई, शिक्षा विभाग की ओर से हुई जांच में प्रारंभिक स्तर पर आया फर्जीवाड़े का मामला

नागौरApr 11, 2019 / 11:55 am

Sharad Shukla

Everyone was stunned by this miracle

नागौर. एक ही छात्रा को सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में कथित तौर पर प्रवेश दिखाने की बाजीगिरी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। गत वर्ष भी जिले में ऐसे तीन से चार प्रकरण पकड़े गए थे। जिनमें राजकीय स्कूल के विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत दिखाकर पुर्नभरण उठाया गया था। इस वर्ष भी यह मामला पकड़ा गया है। इसमें निजी स्कूल की छात्रा को कथित तौर पर मदरसा फैजुल हॉफिज खारी मस्जिद तेलीवाड़ा में अध्ययनरत दर्शाते हुए पांचवी बोर्ड की परीक्षा तक दिला दी गई। जबकि यह छात्रा गत तीन वर्षों से सेंट जॉन पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत है।बीईईओ ने बुधवार को हुई प्रारंभिक जांच में प्रकरण को सही पाया। विभाग का कहना है कि इस पर कार्रवाई होगी
शिक्षा विभाग के अनुसार मो. अबरार की पुत्री सुमैया बानो सेंट जॉन पब्लिक स्कूल में गत तीन सालों से अध्ययनरत है। वर्तमान में यह चौथी कक्षा की छात्रा है। इसे मदरसा फैजुल हॉफिज खारी मस्जिद तेलीवाड़ा में पांचवीं अध्ययनरत दिखाते हुए पांचवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल करा दिया। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद सेंट जॉन पब्लिक स्कूल की ओर से इसकी शिकायत शिक्षा विभाग में की गई। मामला सामने आने के बाद बीईईओ महिपाल सांदू एवं उनकी टीम जांच के लिए मदरसा एवं सेंट जॉन पब्लिक स्कूल पहुंची। दोनों ही जगहों पर दस्तावेजों की जांच की गई। जांच के दौरान छात्रा तीन सालों से सेंट जॉन पब्लिक स्कूल में वास्तविक तौर पर अध्ययनरत पाई गई। इसके बाद टीम तेलीवाड़ा स्थित मदरसा पहुंची। यहां पर पांचवीं में प्रवेश आधार से जुड़े दस्तावेज मांगे गए। इस पर मदरसा की ओर से एक लिखित प्रार्थना पत्र दिखाया गया, जबकि अन्य कोई दस्तावेज या साक्ष्य मदरसा उपलब्ध कराने में असफल रहा। प्रारंभिक जांच में शिकायत सही मिलने के बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। जल्द ही उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रेषित कर दी जाएगी।
और भी मामले आ सकते हैं सामने…
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष नागौर जिले में तीन से चार प्रकरण सरकारी स्कूलों के बच्चों को निजी में दिखाकर पुर्नभरण राशि उठाने के मामले पकड़े गए थे। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी रही रजिया सुल्ताना ने जांच में प्रकरण सही पाए जाने पर उठाई गई पुनर्भरण राशि वसूलने की संस्तुति कर रिपोर्ट निदेशालय भेजी थी। विभागीय जानकारों के अनुसार जिले के अन्य शिक्षण संस्थानों में इस तरह के प्रवेश गुपचुप तौर पर चल रहे हैं। शिक्षा विभाग की ओर से इसकी एक सिरे से जांच किए जाने पर ऐसे और भी प्रकरण सामने आ सकते हैं। यही नहीं, प्रदेश के गलत तरीके से प्रवेश डेढ़ हजार बच्चों के प्रवेश के मामले भी सामने आए थे। इसमें से अकेले नागौर ही प्रकरणों की संख्या 100 थी। सभी प्रकरण निजी शिक्षण संस्थानों के थे। जानकारों के अनुसार पूर्व में भी विभाग की ओर से गठित कमेटी की जांच के बाद ऐसे प्रकरण पकड़े जाने से साफ हो गया था कि कथित रूप से विभागीय हीलाहवाली किए जाने की वजह से मामले सामने नहीं आ पाए थे।
इनका कहना है…
सेंट जॉन पब्लिक स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा यहां तीन साल से अध्ययनरत है।
। इसे मदरसा फैजुल हॉफिज खारी मस्जिद तेलीवाड़ा में पांचवीं में अध्ययनरत दिखाते हुए पांचवीं बोर्ड की परीक्षा दिला दी गई। प्राथमिक स्तर पर जांच में मामला सही पाया गया है। अब इस पर यथोचित कार्रवार्ई होगी।
महिपाल सांदू, बीईईओ, शिक्षा विभाग नागौर

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