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तीन साल से दवा भण्डार गृह में रखी है ऐसी दवा भी?

locationउमरियाPublished: Feb 18, 2017 11:22:00 am

Submitted by:

Dharmendra gaur

जिला औषधि भण्डार में करीब तीन साल पुरानी अवधिपार दवाओं का अब तक निस्तारण नहीं किया गया है। इसके चलते दवाएं आज भी जिला औषधि भण्डार गृह में रखी हैं।

 जिला औषधि भण्डार में करीब तीन साल पुरानी अवधिपार दवाओं का अब तक निस्तारण नहीं किया गया है। इसके चलते दवाएं आज भी जिला औषधि भण्डार गृह में रखी हैं। जानकारी अनुसार जिले भर में उपयोग नहीं हो पाने के कारण समय अवधिपार दवाईयों को निस्तारण करने के लिए मेडिकल वेस्ट प्लांट भेजा जाता है। 
इसके लिए मेडिकल वेस्ट प्लांट संचालक को तय दरों के अनुसार भुगतान करना होता है। लेकिन नागौर जिला औषधि भण्डार में पड़ी अवधिपार दवाईयों का निस्तारण नहीं किया गया है। पिछले तीन साल से रखी अवधिपार दवाओं को वेस्टेज प्लांट पर नहीं भेजने को लेकर पड़ताल करने पर पता चला कि दवा नष्ट करने के लिए ली जाने वाली राशि बढ़ाने के कारण अभी तक अवधिपार दवाओं को नष्ट नहीं करवाया 
गया है।

पहले 30 अब 50 रुपए देने होंगे 

जिला औषधि भण्डार में पिछले तीन साल से पड़ी समय अवधिपार दवाओं को नष्ट नहीं करने को लेकर जानकारी मिली कि पहले अवधिपार दवाओं को नष्ट करने के लिए मेडिकल वेस्ट प्लांट को 30 रुपए प्रतिकिलो ग्राम से भुगतान करना होता था, अब दर बढ़ाकर 50 रुपए प्रतिकिलोग्राम कर दी गई है। 
इस कारण समय अवधिपार दवाओं को नष्ट करवाने में देरी हुई है। जानकारों ने बताया कि करीब साल भर तो दवा नष्ट करने की दरें बढऩे को लेकर हुए विवाद में ही बीत गया। इसके बाद जिला औषधि भण्डार अधिकारी ने उच्चाधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया। इस पर विभाग से 50 रुपए प्रतिकिलोग्राम से भुगतान करने के निर्देश मिले।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी नहीं किए निर्देश

एक तरफ मेडिकल वेस्ट प्लांट पर समय अवधिपार दवाओं को नष्ट करने के लिए दरें बढ़ाए जाने से देरी हो रही है, वहीं राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से दवा निस्तारण के लिए मिलने वाले लाइसेंस की दरों में इजाफा करने से आज भी दवाओं का निस्तारण नहीं हुआ है। 
 जिला औषधि भण्डार अधिकारी डॉ. राजेश पारासर ने बताया कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दवा नष्ट करवाने के लाइसेंस का चार्ज 10 हजार रुपए कर दिया है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बैठक कर इन दरों को निरस्त कर अब लाइसेंस के लिए 1 हजार रुपए की राशि तय की है। लेकिन बोर्ड द्वारा अब तक बोर्ड ने आदेश जारी नहीं किया है। जैसे ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसको लेकर आदेश जारी करेगा। अवधिपार दवाओं को नष्ट के लिए बीकानेर वेस्ट प्लांट पर भिजवा दिया जाएगा।
भेजेंगे निस्तारण के लिए

अवधिपार दवाओं को नष्ट करवाना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिलनेे वाले लाइसेंस की दरों के घटने-बढऩे को लेकर कोई आदेश जारी नहीं होने से असमंजस में हैं। निर्देश मिलते ही दवाएं निस्तारण के लिए भेज देंगे।
डॉ. राजेश पाराशर, जिला औषधि भण्डार अधिकारी, नागौर

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