नागौर

‘व्यक्ति के संस्कार को व्यक्त करती है बोली’

अमरपुरा धाम में नानी बाई रो मायरो कथा का आयोजन

नागौरDec 04, 2018 / 06:33 pm

Anuj Chhangani

‘व्यक्ति के संस्कार को व्यक्त करती है बोली’

नागौर. संत शिरोमणि लिखमीदास महाराज स्मारक विकास संस्थान के तत्वावधान में अमरपुरा धाम में द्वारकाधीश मंदिर व लिखमीदास महाराज मंदिर स्थापना के द्वितीय पाटोत्सव के उपलक्ष में पांच दिवसीय कार्यक्रम के तीसरे दिन सोमवार को नानी बाई रो मायरो की कथा हुई। रामस्नेही संत व बड़ा रामद्वारा सूरसागर जोधपुर के संत अमृताराम ने कथावाचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बोली व्यक्ति के संस्कार को व्यक्त करती है। कोयल अपनी मीठी बोली से सभी को प्रभावित करती है तथा कौआ अपनी बोली के कारण दुत्कारा जाता है। भक्त नरसी ने जो धन भगवान भरोसे समाज जन को समर्पित किया, उसमें उनके भगवान के प्रति सर्वस्व समर्पण व विश्वास का भाव व्यक्त होता है। उन्होंने कहा कि जो बालक को बचपन में बोलना सिखाते है, वही बालक माता पिता को बुजुर्ग होने पर चुप हो जाने को कहते है। जिस व्यक्ति के पास करोड़ों रुपए हो, किंतु सिर पर माता पिता का आशीर्वाद का हाथ न हो, वह संसार का सबसे गरीब प्राणी होता है। भक्त नरसी मेहता व नानी बाई के बीच के संवाद के प्रसंग का मार्मिक वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे गलतकर्म की कैंची से संस्कृति, संस्कार व धर्म को काटा जा रहा है। इस अवसर पर संस्थान के महासचिव राधाकिशन तंवर, सहसचिव हरीशचंद्र देवड़ा, बहादुरसिंह भाटी, नथमल गहलोत, पापालाल सांखला, टीकमचंद कच्छावा, मांगीलाल गहलोत, कृपाराम देवड़ा, कृपाराम गहलोत, छंवरलाल माली, पन्नालाल सोलंकी, बालकिशन भाटी, सीताराम सांखला, मदनलाल गहलोत, दीपक गहलोत, दौलत भाटी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे। इसी प्रकार मंगलवार को बालोतरा के भजन गायक प्रकाश माली, दिनेश माली, मुंबई के प्रकाश माली सहित कई भजन गायक भजन संध्या में प्रस्तुतियां देंगे। इस दौरान भामाशाह व्यवस्था लाभार्थियों का सम्मान किया जाएगा। इसके लिए अमरपुरा धाम संस्थान की ओर से अतुसर, ताऊसर, स्कीम बाजार, ताऊसर, चेनार, नया दरवाजा, राठौड़ी कुआं से श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क बस की व्यवस्था की गई है।

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