scriptनहीं लौट सकेंगे बाहरी मजदूर | External workers will not be able to return | Patrika News
नागौर

नहीं लौट सकेंगे बाहरी मजदूर

मूण्डवा। कोरोना के चलते देशव्यापी लोक डाउन के बीच मूण्डवा में भी विभिन्न राज्यों से आए करीब ढाई से तीन हजार मजदूर इन दिनों मूण्डवा में फंसे हुए हैं। रविवार को बिगड़े हालातों के बीच पुलिस व प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि इन्हें अपने गंतव्य तक भेजा जाएगा।

नागौरMar 30, 2020 / 11:00 pm

Ravindra Mishra

नहीं लौट सकेंगे बाहरी मजदूर

मूण्डवा की कम्पनी में फंसे बाहरी मजदूर

मूण्डवा। कोरोना के चलते देशव्यापी लोक डाउन के बीच मूण्डवा में भी विभिन्न राज्यों से आए करीब ढाई से तीन हजार मजदूर इन दिनों मूण्डवा में फंसे हुए हैं। रविवार को बिगड़े हालातों के बीच पुलिस व प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि इन्हें अपने गंतव्य तक भेजा जाएगा। लेकिन उसके बाद आऐ सरकारी आदेश के चलते अब प्रशासन इनको भेजने में असमर्थ है। तहसीलदार पेमाराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने सोमवार को श्रमिकों से मुलाकात की तथा उन्हें बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश हैं। जिसके तहत जो मजदूर जहां है वहीं रहेंगे। उनके आवास एवं भोजन संबंधी कोई समस्या नहीं आएगी। इसके लिए वह हर रोज उनसे मिलेंगे। नियोक्ता उनके लिए सारी व्यवस्था करेंगे । जरूरत हुई तो प्रशासन भी व्यवस्था संभालेगा। किसी भी श्रमिकों हताश होने की आवश्यकता नहीं है। हालात ठीक होने के बाद जो मजदूर जाना चाहेंगे वे जा सकेंगे। लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश की पालना में कोई कोताही नहीं की जा सकती।
गौरतलब है कि यहां अंबुजा सीमेंट कंपनी के प्लांट में मजदूर से लेकर इंजीनियर तक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, बिहार, पंजाब तथा दक्षिण भारत के कई राज्यों के लोग यहां काम पर आए हुए थे। रविवार को मजदूर आपा खो बैठे। भारी जाब्ते के साथ पहुंचे मूण्डवा डिप्टी ने हालात काबू में कर लिए। लॉक डाउन के बाद यहां से ये लोग वापस नहीं जा सके। मजदूरों ने तीन माह से मजदूरी नहीं मिलने, साफ सफाई एवं पानी की उचित व्यवस्था नहीं होने की शिकायतें भी की। बाद में तहसीलदार पेमाराम चौधरी, नायब तहसीलदार भंवर लाल सेन भी मौके पर पहुंचे। मूण्डवा थानाधिकारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात रहा। तब जाकर हालात काबू में हुए। अंबुजा के मूण्डवा इकाई हेड ऋषि कुमार जोशी एवं डिप्टी लोकेश मीणा ने मजदूरों से समझाइश करके शांत किया। साथ ही भरोसा दिलाया कि इनको अपने गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन अब प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो