शहरी क्षेत्रों में पुलिस व निकायों को इस तरह के मामलों में कार्रवाई के अधिकार दे रहे हैं, लेकिन कार्रवाई औपचारिक ही साबित हो रही है। लगातार कार्रवाई नहीं होने से लोग ढिलाई बरत रहे हैं। संभवतया यही कारण है कि अधिकतर जगह लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंस के कायदों की पालना कर रहे हैं। लगातार कार्रवाई होती रहे तो चालान के डर से ही लोग मास्क पहनने को विवश होते रहेंगे।
1. बिना मास्क पहने दुकान के काउंटर पर बैठे दुकानदार का चालान कटा तो उसने बताया कि यह तो अभी हटाया था। महज दो सैकंड पहले ही मास्क को मुंह से नीचे किया और आप आ गए। लीजिए वापस पहन लेते है।
2. बाइक चालक अरविंद (बदला हुआ नाम) ने बताया कि मास्क पहने रखना मुश्किल रहता है। बाइक चलाते समय मुंह इधर-उधर करते हैं तो मास्क नीचे आ जाता है। एक हाथ से बार-बार ऊपर लेना पड़ता है
3. बाजार में खरीदारी कर रहे एक ग्राहक ने बताया कि मास्क पहने रखने पर दुकानदार भी अनजान समझ कर सामान के बिल को लेकर मोल-भाव करने लगते हैं। मास्क नीचे करने पर पहचान होती है तो बिल में कुछ राहत मिलती है।
4. चालान कटने के दौरान एक युवक ने बताया कि मास्क पहनने पर घबराहट सी होती है इसलिए मास्क हटाया था। लेकिन, चालान कटा और उसे पाबंद भी किया कि आइंदा मास्क लगाए ही दिखना चाहिए।
बिना मास्क पहने घूमने वाले लोगों के चालान काटे जा रहे हैं। अभी तक तीस से पैंतीस लोगों के चालान काटे जा चुके हैं। बचाव के लिए लोग बहाने भी बनाते ही हैं, लेकिन महामारी से बचाव के लिए मास्क पहने रखना जरूरी है। लोगों को इस सम्बंध में जागरूक भी किया जा रहा है।
– जोधाराम बिश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर