ग्राम पंचायत रसाल चुनावी दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र है। यहां पिछले सरपंच चुनावों में भी दो पक्षों के बीच लाठी-भाटा जंग हुई थी। जिसमें कई लोग घायल हुए थे और घरों में पत्थर फेंके गए थे। इस घटना के बाद दोनों पक्षों की ओर से परस्पर मुकदमें भी दर्ज हुए थे। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों ने चुनाव से पूर्व वहां सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की। ऐसे में चुनाव से पहले सोमवार की देर रात ही वहां एक प्रत्याशी के कार्यालय के बाहर पत्थरबाजी हो गई। जिसमें चार गाडिय़ों के शीशे फूट गए।
मीडिया को दिखाई सख्ती- मारवाड़ी में कहावत है सांप निकल गया और लाठी पीटते रह गए, कुछ ऐसा ही ग्राम रसाल में देखने को मिला। जहां लाठी-भाटा जंग के बाद पुलिस सख्ती के मूड नजर आई। यह सख्ती भी महज दिखावे के लिए मीडिया के साथ की गई। जब पुलिस के अधिकारी मतदान केन्द्र के बाहर तैनात थे और आवश्यक निर्देश दे रहे थे, तब मीडियाकर्मी भी कवरेज कर रहे थे। लेकिन यह कवरेज शायद पुलिस को पसंद नहीं आया। तभी तो कुचामन पुलिस उपाधीक्षक मोटाराम बेनीवाल ने मीडियाकर्मियों को ही पुलिस का विडियो नहीं बनाने की हिदायत दे दी। जबकि पुलिस का काम शांति व्यवस्था बनाए रखने का था।
खारिया में चुनाव के दौरान और बाद में भी उपद्रव जहां रसाल में चुनाव से पहले झगड़ा-फसाद हुआ वहीं ग्राम खारिया में चुनाव के दौरान भी तनाव का माहौल रहा। यहां मतदान केन्द्र के ठीक सामने ही एक प्रत्याशी का बड़ा बैनर लगा हुआ था। इस बैनर को हटाने के लिए विरोध हुआ तो दोनों पक्षों में तनातनी हो गई। हालांकि बाद में पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। लेकिन एक पक्ष के लोग लंबे समय तक मतदान केन्द्र के बाहर पुलिस से बैनर हटवाने की मांग करते नजर आए, लेकिन वह बैनर नहीं हटाया गया। मतदान समाप्त होने के बाद भी यहां दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गया। दोनों ओर से जमकर पत्थरबाजी हुई। करीब पन्द्रह मिनट तक दोनों पक्षों में चारों ओर से पत्थर बरसाए गए। हालांकि इसमें किसी के घायल होने के समाचार नहीं मिले है। घटना के पन्द्रह मिनट बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर भीड़ को हटाया