नागौर वृत्ताधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि टोंक जिले के चौसला निवासी बंशीलाल जाट (42) पुत्र लक्ष्मीनारायण ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि मंगलवार शाम को वे अपने साथियों के साथ ट्रेक्टर खरीदने नागौर आया था, लेकिन लेट होने के कारण परिचित रोल निवासी पुखराज जाट के पास जा रहे था। नागौर बस स्टैंड के पास वह अपने साथी शीशराम जाट (30), हीरालाल जाट (23), कमल यादव (26) के साथ होटल पर खाना खाने के लिए रुके हुए थे, तभी वहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी आकर रुकी। गाड़ी उतरे लोगों ने पुलिसकर्मी बनकर उनसे पूछताछ की तो उसने निवास स्थान का पता बता दिया, जिस पर गाड़ी में सवार पांच-सात लोगों ने उन्हें थाना ले जाने का कहकर अपनी गाड़ी में बिठा लिया तथा फोन छीन लिए। इसके बाद वे उन्हें शहर के चौहान इंटरप्राइजेज नाम की दुकान पर ले गए, जहां आरोपियों ने उनसे ट्रेक्टर खरीदने के लिए लेकर आए एक लाख 80 हजार रुपए लूट लिए गए तथा हमारी फोटो खींची गई आईडी व ट्रैक्टर के कागज छीन लिए। इसके बाद उन्होंने मारपीट भी की। बंशीलाल ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे कि पैसे कहां हैं। इसके बाद वे जान बचा कर निकले तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए घटना के बारे में किसी को बताने पर आधा किलोग्राम अफीम गाड़ी में रखकर फंसाने की धमकी भी दी। इसके बाद आरोपियों ने 1.80 लाख रुपए वापस लौटा दिए।
फिर बोले – कार्रवाई नहीं चाहते
रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने रात को ही आरोपी अब्दुल रईस उर्फ मास्टर व महेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पीडि़तों ने कहा कि यह घटना तो उनके साथ हुई है, लेकिन वे इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं चाहते। पुलिस ने पीडि़त बंशीलाल के दांए हाथ की कोहनी, बाएं हाथ की अंगुली व बाईं आंख के नीचे चोट होने पर मेडिकल मुआयना करवाया। पुलिस ने बताया कि पीडि़तों पर रिश्तेदारों का दबाव होने के कारण उन्होंने रिपोर्ट देने से मना किया, लेकिन मामला संज्ञेय अपराध होना पाया गया है। इसलिए दर्ज कर जांच एसआई मोहम्मद निसार को सौंपी गई।
रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने रात को ही आरोपी अब्दुल रईस उर्फ मास्टर व महेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पीडि़तों ने कहा कि यह घटना तो उनके साथ हुई है, लेकिन वे इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं चाहते। पुलिस ने पीडि़त बंशीलाल के दांए हाथ की कोहनी, बाएं हाथ की अंगुली व बाईं आंख के नीचे चोट होने पर मेडिकल मुआयना करवाया। पुलिस ने बताया कि पीडि़तों पर रिश्तेदारों का दबाव होने के कारण उन्होंने रिपोर्ट देने से मना किया, लेकिन मामला संज्ञेय अपराध होना पाया गया है। इसलिए दर्ज कर जांच एसआई मोहम्मद निसार को सौंपी गई।