मंत्री जाट ने कहा कि जिस प्रकार किसान अभी ऑनलाइन नकल व गिरदावरी रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं, उसी प्रकार किसान अपने खेत में बोई गई फसल की गिरदावरी रिपोर्ट भर सकेंगे। इससे किसान को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यदि किसी कारणवश उसकी फसल खराब हो गई तो उसे पटवारी के आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किसान की ओर से भरी जाने वाली गिरदावरी रिपोर्ट को वेरिफाई कौन करेगा? पत्रिका के इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा यह व्यवस्था फिलहाल महाराष्ट्र में चल रही है, वहां जिस कम्पनी ने इस लागू करवाया है, उसे हमने भी बुलाकर प्रेजेंटेशन लिया है। इस व्यवस्था में वेरिफाई करने का सिस्टम होगा और उसका भी एक समय निर्धारित किया जाएगा। निर्धारित समय में वेरिफाई नहीं करने पर अपने आप ओके हो जाएगा। इसको लेकर शनिवार को जिले के अधिकारियों की बैठक भी ली है।
30 दिन में होगा नामांतरण मंत्री जाट ने कहा कि नामांतरण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया है और उसका समय भी 30 दिन निर्धारित किया गया है, जो पहले 45 दिन का था। इसी प्रकार म्यूटेशन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर रहे हैं, जिसमें व्यक्ति की मृत्यु के बाद जानकारी अपडेट करते ही म्यूटेशन खुल जाएगा और मात्र पांच दिन में म्यूटेशन सम्बंधित व्यक्ति के वारिस के नाम चढ़ जाएगा।
कस्टोडियन भूमि होगी सुरक्षित
कस्टोडियन भूमि को लेकर सवाल करने पर मंत्री ने कहा कि नागौर में जो भी कस्टोडियन भूमि है, उसे सुरक्षित करने के लिए मैं जिला कलक्टर को निर्देश देकर जाऊंगा। उन्होंने कहा कि यदि कस्टोडियन जमीन पर किसी ने अतिक्रमण कर रखा है तो उसे बेदखल किया जाएगा।
कस्टोडियन भूमि को लेकर सवाल करने पर मंत्री ने कहा कि नागौर में जो भी कस्टोडियन भूमि है, उसे सुरक्षित करने के लिए मैं जिला कलक्टर को निर्देश देकर जाऊंगा। उन्होंने कहा कि यदि कस्टोडियन जमीन पर किसी ने अतिक्रमण कर रखा है तो उसे बेदखल किया जाएगा।
किसान को जयपुर नहीं आना पड़े राजस्व मंत्री ने कहा कि मैंने जिला कलक्टर को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति या किसान यदि उनके पास आता है तो यह उसकी समस्या का अंतिम पड़ाव होना चाहिए। यहां से किसी किसान को जयपुर नहीं आना पड़े, ऐसी व्यवस्था करें। आमजन की समस्याओं के निस्तारण में कोताही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जो अच्छा काम करेंगे, उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएग।