करणू प्रकरण के पीडि़त युवकों को ढाई-ढाई लाख की आर्थिक सहायता व संविदा पर नौकरी
पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा व पूर्व डीआईजी सवाईसिंह चौधरी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला नायक समाज का प्रतिनिधि मंडल, सांसद बेनीवाल का आरोप- पीडि़त परिवार को सत्ता के दम पर गुमराह करके जयपुर ले गए

2.5 lakhs Financial assistance and contractual jobs to the victims of Karanu case
नागौर. जिले के पांचौड़ी थाना क्षेत्र के करणू गांव में गत 16 फरवरी को बर्बरतापूर्वक मारपीट व अमानवीय घटना के शिकार हुए दोनों युवकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी राहत देते हुए ढाई-ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं संविदा पर नौकरी दी है। पीडि़तों को सहायता राशि के चेक जहां हाथों-हाथ दिए गए, वहीं मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा करते हुए संविदा पर नौकरी के आदेश भी नागौर में जारी कर दिए गए।
गौरतलब है कि पीडि़त युवकों को इससे पहले सरकार ने 50-50 हजार रुपए की सहायता दी गई थी। इसके बाद शनिवार को पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा व पूर्व डीआईजी सवाईसिंह चौधरी के नेतृत्व में पीडि़त युवकों सहित नायक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। इस दौरान युवा नेता सिद्धार्थ सिंह चौधरी, नायक समाज के गौतम नायक व पीडि़तों के परिजन भी साथ थे। मुख्यमंत्री गहलोत ने दोनों युवकों को अपने पास बैठाकर पूरी घटना की जानकारी ली तथा अब तक दी गई राहत के बारे में जाना। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश देकर मुख्यमंत्री सहायता कोष से ढाई-ढाई लाख रुपए के चेक दोनों युवकों के पिता के नाम से जारी किए। साथ ही दोनों युवकों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नागौर के सहायक निदेशक के आदेश पर जनहित सेवा संस्थान द्वारा नागौर व खींवसर के राजकीय अम्बेडकर छात्रावास में चौकीदार के रूप में संविदा पर रखने के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए। दोनों युवकों को एक मार्च से ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा गया है।
सांसद बेनीवाल का आरोप- पीडि़तों को सत्ता के दम पर किया गुमराह
नागौर. करणू प्रकरण के पीडि़त युवकों व उनके परिजनों की कांग्रेसी नेताओं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद सहित जिले के कांग्रेस नेता सत्ता के दम पर दलित परिवार को चोरी के झूठे मुकदमे में फंसाने का दबाव बनाकर जयपुर ले गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कल ही बूंदी में घटित बस दुर्घटना के बाद मृतकों के परिजनों से उनके वहां जाकर मुलाकात की तो ऐसे में गहलोत को दलित उत्पीडऩ के शिकार युवाओं से मिलने खुद नागौर आना चाहिए था, लेकिन दलितों को गुमराह करने के लिए और उन पर दर्ज चोरी के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर एक भय के माहौल में पूर्व सांसद सहित कांग्रेस नेता पीडि़तों को केवल फोटो खींचवाने के लिए जयपुर लेकर गए। सांसद ने कहा कि जिस राशि की घोषणा मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया के माध्यम से कांग्रेसी नेताओं ने पीडि़तों को देने की कही, वह राशि तो दलित उत्पीडऩ के प्रत्येक प्रकरण में देने का प्रावधान है। पीडि़तों को गुमराह करके संविदा नौकरी देने की बात कर रहे हैं। सांसद ने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ पुलिस अफसरों को बचाने के लिए इस पूरे मामले में दलित युवाओं को जयपुर ले जाया गया।
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