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नागौर एसडीएम ने रालोपा विधायकों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा, जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी

locationनागौरPublished: Aug 26, 2019 10:42:37 am

Submitted by:

shyam choudhary

FIR against RLP MLAs, handing over investigation to CID-CB सांसद बेनीवाल ने चेतावनी देते हुए कहा – अधिकारियों की नाकामी हुई जेसीबी चालक की मौत, पुलिस व प्रशासन अपनी नाकामी का ठीकरा विधायकों पर फोड़ रही – सांसद का दावा – बंजारा समाज के पीडि़त लोगों को दिलाएंगे आर्थिक मुआवजा

FIR against RLP MLAs

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FIR against RLP MLAs, handing over investigation to CID-CB नागौर. राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना में जिला प्रशासन ने भारी पुलिस जाब्ते के साथ रविवार सुबह 7 बजे शहर के निकटवर्ती ताऊसर ग्राम पंचायत की 6-7 बीघा चारागाह भूमि पर बसे बंजारा व घुमन्तु जाति के लोगों के मकान सहित अन्य अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई शुरू की। जिला प्रशासन ने दिनभर चली कार्रवाई में करीब तीन दर्जन मकानों पर जेसीबी चलाकर जमींदोज कर दिया। कार्रवाई के दौरान जेसीबी चालक की मौत तथा अतिक्रमण हटाने वाले दस्ते पर पथराव करने के विरोध में नागौर एसडीएम दीपांशु सांगवान ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर रालोपा के भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग और मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी पर सुनियोजित तरीके से जानलेवा हमला कराने और राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने व न्यायालय के आदेश की अनुपालना में बाधा उत्पन्न जैसे आरोपों में मामला दर्ज कराया है।
उधर, सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वे बंजारा समाज के लोगों के साथ हैं और उन्हें वापस बसाने के लिए लड़ाई लड़ेंगे। बेनीवाल ने कार्रवाई के विरोध में आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि सोमवार को बंजारा समाज की ढाणियों से कलक्टर तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कलक्टर, एसपी, नागौर डीएसपी व एसडीएम को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने तथा बंजारा समाज के तोड़े गए मकानों को मुआवजा नहीं देने पर 29 अगस्त को बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
नागौर एसडीएम दीपांशु सांगवान ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि उनके नेतृत्व में डी ब्लॉक में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शांतिपूर्वक चल रही थी तथा तीन-चार मकानों को अतिक्रमण हटाया जा चुका था। इसी समय भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग व मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी चार-पांच लोगों के साथ मौके पर पहुंचे तथा अतिक्रमण की कार्रवाई रोकने की मांग की।
इसके बाद उन्होंने मौके पर उपस्थित भीड़ को उकसाते हुए हाथ से ईशारा किया, जिसके बाद हनुमान बंजारा, आत्माराम बंजारा, जेठाराम बंजारा, भागीरथ बंजारा, मंगलाराम बंजारा, दरबाराम बंजारा, सामरी बंजारा, जगदीश बंजारा, मंगाराम बंजारा, दिनेश बंजारा, झूमरराम बंजारा, चेनाराम बंजारा सहित 200-250 अन्य पुरुषों एवं महिलाओं ने एक राय होकर पथराव किया तथा कुल्हाड़ी, कस्सीयां, लाठियां, व जैई से उनकी टीम पर हमला बोल दिया। एसडीएम ने रिपोर्ट में बताया कि पथराव से हाईकोर्ट के आदेश की पालना में की जा रही कार्रवाई में बाधा उत्पन्न हुई। एसडीएम की रिपोर्ट विधायकों के खिलाफ नामजद होने पर पुलिस ने एफआईआर नम्बर प्रथक से दर्ज कर एसपी के माध्यम से पत्रावली जांच के लिए सीआईडी-सीबी को भेजी गई।
नागौर डीएसपी व महिला थानाधिकारी के खिलाफ मारपीट की शिकायत
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का कवरेज कर रहे मीडियाकर्मी सुभाष मुण्डेल के साथ पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों ने जानबूझकर लाठियों से मारपीट की, जिसके खिलाफ मुण्डेल ने कोतवाली थाने में नागौर डीएसपी सुभाषचंद्र व महिला थानाधिकारी यशदीप भल्ला के खिलाफ रिपोर्ट देकर मामला दर्ज करने की मांग की।
रालोपा आज प्रदेश भर में करेगी प्रदर्शन
सांसद बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि सोमवार को प्रदेश भर में बंजारा समाज के पक्ष में नागौर जिला प्रशासन की बर्बरता पूर्वक कार्रवाई के खिलाफ ज्ञापन देकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। सांसद ने ने पंजाब सरकार बनाम जगपाल सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि ऐसी जमीन जिस पर भूमिहीन तथा एससी-एसटी वर्ग के लोग जिनका निर्माण किया हुआ है उन्हें विशेष परिस्थितियों में उसी स्थान पर नियमित किया जा सकता है। बंजारा समाज के लोग चारागाह भूमि की एवज में दूसरी जमीन देने को तैयार थे, उसके बावजूद प्रशासन ने न्यायालय में इनका प्रभावी पक्ष नहीं रखा और कार्रवाई कर दी।
बंजारा समाज ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
इस पूरे मामले में प्रशासन शाम को अतिक्रमण हटाकर वापस लौट आया, जिसके बाद बंजारा समाज के लोग मौके पर पहुंचे। इस दौरान मीडिया कर्मियों के सामने बंजारा समाज की महिलाओं ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। महिलाओं का कहना था मकानों में रखे सोने-चांदी के साथ उनका कीमती सामान गायब है। लोगों ने यहां तक आरोप लगाया कि उनके पुलिस एवं प्रशासन ने उन्हें घरों से निकालकर भगा दिया, जिसके बाद उनका कीमती सामान घर के बाहर पड़ा था, जिन संदूको में सोने चांदी के जेवरात थे, वे जेवरात जब वह शाम को लौटे तो नहीं मिले।
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