नागौरPublished: Aug 03, 2018 12:23:50 pm
Sharad Shukla
बेचान के दो माह बाद भी राशि खातों में नहीं हुई जमा असमंजस में काश्तकार
Now the winter comes, the flowers blossom in the fields
नागौर समर्थन मूल्य पर चना व सरसों खरीद के किसानों को किस्तों में भुगतान मिलने से दिक्कतें होने लगी है। खरीद के दो से तीन माह बाद भी पांच करोड़ से अधिक का बकाया भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। समिति के अधिकारियों के अनुसार खातों में हुई तकनीकी त्रुटियों के चलते भुगतान की प्रक्रिया में विलम्ब हो गया। फिर भी कई जनों के खाते सही कर उनके खातों में राशि जमा की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर कृषि उपजमंडी स्थित क्रय केन्द्र में हुई चना-सरसों खरीद में अब करीब 400 किसानों की पांच करोड़ से अधिक की राशि अटकी हुई है। क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों के अनुसार 16 से 30 जून तक हुई खरीद में चने के 231 काश्तकारों के तीन करोड़ 72 लाख रुपए एवं सरसों के 175 काश्तकारों के दो करोड़ 23 लाख 66 हजार का बकाया है। काश्तकारों की ओर से भुगतान के लिए समिति के कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं। काश्तकारों का कहना है कि खरीद होने के दो से तीन दिन में कई काश्तकारों के खातों में भुगतान जमा हुआ, लेकिन उनके खाते में बेचान के एक से दो माह बाद भी भुगतान जमा नहीं हुआ। भुगतान नहीं होने से उन्हें गांव से बसों से मुश्किल सफर करते हुए यहां पहुंचना पड़ रहा है। समिति के अधिकारियों का कहना है कि 28 जून तक बेचान करने वाले काश्तकारों से सरसों के 697 काश्तकारों का सात करोड़ 15 लाख 24 हजार रुपए एवं चने के काश्तकारों में 452 किसानों का छह करोड़ 60 लाख 92 हजार रुपए का भुगतान हो चुका है। बकाया राशि में से 60 फीसदी से अधिक किसानों के खातों में राशि जमा की जा चुकी है। शेष के भुगतान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में क्रय विक्रय समिति के रामनिवास सिंवर ने बताया कि बकाया राशि के भुगतान सूची में शामिल किसानों की सूची पहले ही भेजी जा चुकी है। जल्द ही भुगतान आने की उम्मीद जताई गई है।
संस्था प्रधानों से अब तक की गतिविधियों का मांगा ब्योरा
नागौर. आईसीटीसी लैब के लिए चयनित जिले के दो दर्जन से अधिक राजकीय शिक्षण संस्थानों के संस्था प्रधानों की गुरुवार को राजकीय बालिका रतन बहन उच्च माध्यमिक विद्यालय में बैठक हुई । बैठक में इससे जुड़े विषयों पर चर्चा हुई। बैठक रमसा के एडीपीसी रामदेव पूनिया की अध्यक्षता में हुई। संस्था प्रधानों से आईसीटीसी लैब में लगे कम्प्यूटरों के संचालन की गतिविधियों, उपकरण का रखरखाव, डिजिटल कक्षाएं, अब तक हुए भुगतान व्यय आदि पर चर्चा हुई। इसमें आवश्यक सुधार के निर्देश भी दिए गए।