नागौरPublished: Dec 17, 2020 09:57:56 pm
Sharad Shukla
Nagaur patrika. फुटपाथ पर अब बिना पंजीयन दुकान लगाने वालों के खिलाफ नगरपरिषद कार्रवाई करेगा
Footpath shopkeeper gets action without registration
नागौर. फुटपाथ पर अब बिना पंजीयन दुकान लगाने वालों के खिलाफ नगरपरिषद कार्रवाई करेगा। परिषद के अधिकारियों का कहना है कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत फुटकर विक्रेताओं के लिए पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है। इस येाजना के तहत फुटकर विक्रेताओं को बिना गारंटी दस हजार रुपए का ऋण बैंकों की ओर से उपलब्ध कराए जाने की सुविधा है। इसे उपलबध कराया भी जा रहा है। इसमें नियमित भुगतान सात प्रतिशत की सब्सिडी भी मिल जाएगी। डिजिटल लेनदेन किए जाने पर 12 सौ की राशि केशबैक का भी प्रावधान है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना जरूरी रहेगा। परिषद प्रशासक व आयुक्त मनीषा चौधरी का कहना है कि बार-बार कहने के बाद भी पंजीयन नहीं कराए जाने पर जांच के दौरान पकड़े जाने वाले फुटपाथी दुकानदारों को कार्रवाई का सामना भी करना पड़ेगा।
नए कृषि बिल से देश में कई जागीरदार पैदा हो जाएंगे
नागौर. अभिनव राजस्थान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने कृषि बिल का विरोध करते हुए इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। डॉ चौधरी ने कहा कि नए कृषि क़ानून के संदर्भ में पार्टी का मानना है कि इन कानूनों से देश में नई तरह के जागीरदार पैदा हो जायेंगे और एक दिन वे मूल किसानों को जमीन से बेदखल कर देंगे। देश की सत्ता पर भी इनका सीधा कब्ज़ा हो जायेगा जैसे ईस्ट इंडिया कम्पनी ने किया था. किसान भी अपने खेतों में मजदूर बन जायेंगे. ठीक वैसे ही जैसे कुटीर उद्योग समाप्त होने पर सुथार, दरजी, लुहार, मोची, कुम्हार, जुलाहे, छीपे अदि कलाकार अब मजदूर बन गए हैं। कृषि उपज मंडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य और स्टॉक लिमिट इस देश के संविधान की भावना के अनुरूप बनाई गई व्यवस्थाएं हैं, जिनके माध्यम से देश को समाजवादी ढंग से चलाया जा सके. संविधान के नीति निदेशक तत्वों में ये सब लिखने के पीछे पवित्र उद्देश्य था. संविधान की भावनाओं से खिलवाड़ करना महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का अपमान होगा। क़ानून बनाने में गलतियाँ हो सकती हैं और गलत प्रभाव में भी ऐसे क़ानून बन सकते हैं. अभिनव राजस्थान पार्टी के अनुसार केंद्र सरकार को जिद में न रहकर बड़ा दिल रखना चाहिए और इन क़ानून को वापिस ले लेना चाहिए. बेवजह के भ्रम फैलाकर और झूठी जानकारियाँ प्रसारित करने से समस्या अधिक गंभीर होने वाली है और देश में अशांति होने की आशंका है. समय रहते सरकार को किसानों की भावना का सम्मान करना चाहिए.