सूत्र बताते हैं कि कई राशन की दुकान पर नब्बे फीसदी का गेहूं उपभोक्ता ले जा चुके हैं। राशन डीलर के सहायक लीलाधर परिहार ने बताया कि उनकी देखरेख में दो दुकान में गेहूं उठाव का आलम ये है कि एक में नब्बे फीसदी से अधिक तो दूसरी में पचास फीसदी गेहूं जा चुका है। एक अन्य राशन विक्रेता का कहना है कि पेट भरना सबकी पहली जरूरत है। ऐसे में इसमें कोई पीछे नहीं है। कई बार दुकान खुलने से पहले लोग आ रहे हैं।
कोरोना के कारण अब वितरण व्यवस्थाओं में बदलाव कर दिया गया है। नए आदेश के मुताबिक, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की एनएफएसए व पीएमजीकेवाई योजना में पॉस मशीन से राशन वितरण की वर्तमान व्यवस्था बायोमैट्रिक सत्यापन के साथ आधार ओटीपी के माध्यम से की जाएगी। डीलर द्वारा लाभार्थी के राशन कार्ड का नंबर पॉस मशीन पर डाला जाएगा। मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से ओटीपी भेजा जाएगा। लाभार्थी द्वारा डीलर को ओटीपी उपलब्ध करवाने के पश्चात पॉस मशीन में ओटीपी नंबर दर्ज कर सत्यापन के बाद गेहूं दे दिया जाएगा।
-रामजीवन बेनीवाल, कार्यवाहक डीएसओ नागौर