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पशु बीमा योजना को भूली सरकार को प्रगतिशील पालकों की तलाश…!

locationनागौरPublished: Jul 31, 2021 09:48:04 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. पशुपालकों को सुविधाओं-योजनाओं के नाम पर टोटा, और उत्कृष्ट प्रयोगधर्मी पशुपालकों की तलाश में जुटा महकमा-पशुपालन विभाग प्रगतिशील पशुपालको को करेगा सम्मानित-प्रगतिशील पशुपालकों से मांगे आवेदन-पशुपालन में नवीन तकनीकी प्रयोग करने वाले व विभागीय योजनाओं के माध्यम से पशुपालन में बेहतर काम करने वाले पालको को सम्मानस्वरूप मिलेगी 50 हजार तक कि राशि-पशुपालक बोले कि सरकार आर्थिक तौर पर कमजोर पालको को न तो बीमा योजना का लाभ मिला, न चिकित्सा सुविधा का, फिर कैसे बन जाएं प्रगतिशील पशुपालक

Forgot the animal insurance scheme, the government is looking for progressive parents...

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नागौर. पिछले तीन साल से प्रदेश के पशुओं को भामाशाह पशु बीमा योजना का लाभ नहीं देने वाली सरकार अब जिला एवं पंचायत स्तर पर प्रगतिशील पशुपालकों की तलाश में जुट गई है। पशुपालन विभाग के जिम्मेदारों को ऐसे पशुपालकों की तलाश का जिम्मा सौंप दिया गया है। मुख्यालय से आए हुए निर्देशों के अनुसार पशुपालन विभाग की ओर से जिला एवं पंचायत स्तर पर प्रगतिशील पशुपालकों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। आवेदन 31 अगस्त तक जमा होने हैं। पुरस्कार राशि भी 35 हजार से 50 हजार तक प्रति पशुपालक रखी गई है। इस संबंध में पशुपालकों से बातचीत हुई तो उनका कहना है कि सरकार एक तरफ तो पशुपालकों को बीमा योजना तक का लाभ नहीं देती है, दूसरी तरफ पुरस्कार के नाम पर सुविधा संपन्न लोगों को लाभ देने की योजना है, न कि सामान्य एवं कमजोर वर्ग के पशुपालकों को प्रोत्साहित करने का…!
पशुपालन विभाग की ओर से बजट घोषणा वर्ष 2021-22 में प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहित करने की नीयत से आवेदन मांगे जाने का काम शुरू कर दिया है। पंचायत समिति, जिला एवं राज्य स्तर पर प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित किया जाएगा। कुल मिलाकर 300 से ज्यादा पशुपालकों को सम्मानित करने की योजना है। विभागीय पुरस्कार योजना को लेकर सामान्य एवं कमजोर वर्ग के पशुपालकों में कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है। पशुपालकों में राजाराम, रामसुमेर, मांगीलाल, शिवराम, राजाराम आदि से बातचीत हुई तो उनका कहना है कि सरकार की ओर से सामान्य एवं कमजोर तबके के पालकों को कोई मदद नहीं मिलती है। न तो पशुओं का बीमा करने के लिए कोई सरकारी योजना है, और न ही इनके पालन को उन्नत करने व रोजगार बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता की योजनाएं बनाई गई। अब ऐसे में पशुपालन कैसे बढ़ेगा। स्थिति यह हो गई है कि पशुओं का बीमा निजी स्तर पर मंहगे प्रीमियम दरों पर केवल सुविधा संपन्न पालक ही करा सकते हैं। तीन साले पहले योजना आई तो शुरुआती चरण में पालकों को अपने पशुओं का मुआवजा आदि मिल जाता था। अब हालात ऐसे नहीं रहे। अब पशुओं को कुछ भी हो जाए तो उनकी हालत खराब हो जाती है। अब ऐसे में नवाचार सामान्य एवं आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग का पशुपालक कैसे कर पाएगा, यह तो सरकार ही बता सकती है।
पशुपालन विभाग के दावे, इससे बढ़ेगा उन्नत पशुपालन
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित करने का उद़देश्य है पशुपालकों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक भावना उत्पन्न करना। समृद्ध एवं उन्नत नस्ल के पशुओं को रखने की और प्रेरित करना एवं उस दिशा में पशुपालकों का उत्साहवर्धन करना। आधुनिक तथा नवीनतम तकनीकी द्वारा पशु देखभाल करने से उत्पादकता पर प्रभाव को दर्शाना। ऽ नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान उन्नत नस्ल के सांड द्वारा प्राकृतिक परिसेवा की महत्ता को सुस्थापित करना तथा अधिक उत्पादन हेतु कृत्रिम गर्भाधान से उत्पादित हुए पशुओं की उत्पादन क्षमता का प्रदर्शन कर अन्य पशुपालकों को प्रोत्साहित करना। पशुपालको का आर्थिक एवं सामाजिक विकास कर उन्हें पशुधन विकास की मूल धारा से जोडना है।
आवेदन करने के लिए यह होनी चाहिए पात्रता
पशुपालन विभाग के अनुसार इसमें ऐसे पालक आवेदन कर सकते हैं जो पशपालन की नवीनतम तकनीक का उपयोग कर उन्नत नस्ल के पशुओं का पालन करता हो। नियमित टीकाकरणए कृमिनाशक दवा का उपयोग करता हो एवं पत्रा में मृत्यु दर कम हो। विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओंध्कार्यक्रमों की जानकारी रखता हो एवं उनका लाभ भी प्राप्त करता हो। विभाग द्वारा आयोजित किये जाने वाले विभिन्न प्रतियोगिताओं में े दुग्ध प्रतियोगिताएं, कॉफ रैली, ् पशु मेलों में आयोजित गरल एवं उत्पादन से सम्बन्धित पशु प्रतियोगितायें आदि में पुरूस्कृत हो चुके पशुपालकों को प्राथमिकता मिलेगी। पशुपालकण् पशु प्रबनानए पश आवारा व्यवस्था संतलित अहार आदि के तकनीकी ज्ञान के साथ.साथ वास्तविकता में इन तकनीकों को अपनाता हो।
ऐसे किया जा सकता है आवेदन
पशुपालन विभाग के अनुसार निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के अग्रणी पशपालक का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं। इस के लिए पशुपालक को अपने पशुधन एवं उपलब्धियों का विवरण रागीपरथ पशु चिकित्सा संस्था की अनुशंसा सहित प्रार्थना पत्र संबन्धित जिले के संयुक्त निदेशकए पशुपालन विभाग को प्रस्तुत करना होगा। पशुपालक स्वयं भी अपने पशुधन एवं उपलब्धियों का विवरण समीपस्थ पशु चिकित्सा संस्था की अनुशंसा सहित प्रार्थना पत्र संबन्धित जिले के संयुक्त निदेशकए पशुपालन विभाग को प्रस्तुत कर सकता है।
विभिन्न श्रेणियों में होंगे चयनित
योजनान्तर्गत निर्धारित चयन समिति की ओर से प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर प्राप्त कुल आवेदन पत्रों में से प्रथम तीन स्थानों के लिये वरीयता क्रम निर्धारण करते हुए सूची बनेगी। इसी प्रकार जिला स्तर भी प्रथम तीन स्थानों के लिये वरीयता क्रम निर्धारण करते हुए सूची बनेगी। जायेगी। प्रत्येक क्रम पर वरीयता अनुरूप एक.एक पशुपालक का ही चयन होगा। पंचायत समिति स्तर पर प्रथम स्थान पर रहे चयनित पशुपालकों में से जिला स्तर पर दो पशुपालको का चयन होगा। जिला स्तर पर चयनित समस्त पशुपालकों में से राज्य स्तर पर दो पशुपालकों का चयन होगा। चयनित पशुपालक को एक ही स्तर पर पुरस्कृत होगा। राज्य स्तर पर चयनित पशुपालक को जिला स्तर का पुरस्कार देय नहीं होगा एवं जिला स्तर पर चयनित पशुपालक को पंचायत समिति स्तर का पुरस्कार देय नहीं होगा। कुल 352 पंचायत समितियों में से प्रत्येक पंचायत समिति से एक पशुपालक को पुरस्कृत होगा। इसी तरह कुचामन सिटी से भी पशुपालकों का चयन होगा। चयन समिति में पंचायत समिति स्तर पर उपखंड अधिकारी, तहसीलदार अथवा विकास अधिकारी इसका अध्यक्ष होगा। सदस्य सचिव उपनिदेशक या संयुक्त निदेशक शामिल रहेंगे। सदस्य में संबंधित क्षेत्र के नोडल अधिकारी शामिल होंगे। इसी तरह जिला स्तर पर कलक्टर, अतिरिक्त कलक्टर या इनके प्रतिनिधि अध्यक्ष के तौर पर रहेंगे। उपाध्यक्ष अतिरिक्त निदेशक रहेंगे। सदस्यों में आत्मा परियोजना निदेशक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष या प्रभारी अधिकारी शामिल होंगे।
इनका कहना है…
प्रगतिशील पशुपालकों के आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन मिलने पर चयन प्रक्रिया के पश्चात 31 अगस्त तक इनका चयन किया जाएगा।
डॉ. जगदीश बरबड, संयुक्त निदेशक पशुपालन नागौर

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